शिमला, 16 फरवरी (हप्र)
हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने 24 फरवरी से राज्य के लाहौल स्पीति जिला की सभी महिलाओं को अपनी चुनावी गारंटी के अनुसार 1500 रुपए सम्मान राशि देने की घोषणा की है। यह राशि इंदिरा गांधी सम्मान निधि के तहत दी जाएगी। यह घोषणा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा के जवाब में की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 1050 रुपए सामाजिक सुरक्षा पेंशन ले रही सभी महिलाओं की पेंशन में भी 450 रुपए की बढ़ोतरी कर इसे 1500 रुपए करने की घोषणा की। यह पेंशन भी फरवरी महीने से बढ़ेगी। धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा पर मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से वाकआउट किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांगड़ा जिला के गग्गल एयरपोर्ट के विस्तार के लिए राहत एवं पुनर्वास का कार्य पूरा कर लिया गया है और इसी के साथ इस एयरपोर्ट के विस्तार का रास्ता साफ हो गया है। उन्होंने कहा कि अब जल्द ही इसके विस्तार का काम आरंभ कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार को सत्ता में आने पर विरासत में कर्ज, आर्थिक बदहाली और भ्रष्टाचार मिला। सुक्खू ने कहा कि उनकी सरकार ने विकट आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद नई दिशा व नई सोच के साथ काम शुरू किया और प्रदेश को 31 मार्च 2026 तक ग्रीन राज्य बनाने का लक्ष्य तय किया। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार ने ई टैक्सी व सौर ऊर्जा को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए हैं। इस महीने के अंत तक 100 ई-टैक्सियों के परमिट बेरोजगार युवाओं को दे दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ने किरतपुर-मनाली फोरलेन सड़क पर 17 इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित कर दिए हैं तथा 13 और चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने विभिन्न विभागों में लगभग 20 हजार नौकरियां इस अवधि में सृजित की हैं जिनमें से 17636 भर्तियां विभिन्न विभागों में की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर ओपीएस को लेकर भ्रांतियां फैलाने का आरोप लगाया और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को तथ्यों पर बात करने की सलाह दी। मुख्यमंत्री ने अपने जवाब में बीते वर्ष राज्य में आई प्राकृतिक आपदा का भी जिक्र किया और कहा कि भाजपा का एक भी विधायक प्रभावितों को राहत देने के लिए सरकार के साथ खड़ा नहीं हुआ और न ही मदद मांगने के लिए दिल्ली गए।
इस बीच, मुख्यमंत्री के जवाब के बीच ही विपक्षी सदस्यों ने शोरगुल करना आरंभ कर दिया और आरोप लगाए कि मुख्यमंत्री झूठे आंकड़े दे रहे हैं। विपक्ष को इस दौरान अपना पक्ष रखने का मौका नहीं मिला, जिस पर सभी विपक्ष सदस्य पहले अपनी सीटों पर खड़े होकर नारेबाजी करने लगे और फिर पूरा विपक्ष वाकआउट कर गया।