शिमला, 2 जुलाई (हप्र)
पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने विधानसभा उपचुनाव में भाजपा के देहरा के प्रत्याशी होशियार सिंह के समर्थन में आयोजित जनसभा में कहा कि मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू हमसे पूछने की बजाय खुद बताएं ये उपचुनाव क्यों हो रहे हैं? क्यों उन्होंने ऐसे हालात पैदा कर दिए कि उनके अपने पार्टी के विधायक ही बगावत पर उतरने को मजबूर हुए। क्यों निर्दलीय विधायकों के साथ ज़्यादती की? क्यों उनके परिवारजनों, सहयोगियों, मित्रों, रिश्तेदारों को सत्ता के दम पर प्रताड़ित किया? क्यों निर्दलीय विधायकों को हर बार सरकार का समर्थन करने के लिए बाध्य किया गया। क्यों निर्दलीय विधायकों के जनहितकारी कामों को लटकाया गया? क्यों उनके द्वारा उनके विधानसभा क्षेत्र की समस्याओं को अनसुना किया गया? हज़ारों की संख्या में संस्थान क्यों बंद किए। भाजपा सरकार में देहरा में खोले गए अस्पतालों और स्कूलों को क्यों डिनोटिफाई क्यों किया?
जयराम ठाकुर ने कहा कि आज प्रदेश में हो रहे उपचुनाव मुख्यमंत्री की तानाशाही का नतीजा है, जिसके कारण तीन निर्दलीय विधायकों ने अपनी सदस्यता से त्यागपत्र दिया। क्योंकि मुख्यमंत्री उनसे बिना शर्त समर्थन लेना चाहते थे। सभी ने डेढ़ साल तक समर्थन किया भी लेकिन जब कांग्रेस ने राम मंदिर के ख़िलाफ़ मुक़दमा लड़ने वाले बाहरी नेता को राज्यसभा में टिकट दिया तो तीनों निर्दलीय विधायकों ने भाजपा के प्रत्याशी हिमाचल के नेता हर्ष महाजन को समर्थन दिया। इसके बाद से ही वह मुख्यमंत्री के कोप भाजन का शिकार हुए हैं। फ़र्ज़ी मुक़दमों के ज़रिए सिर्फ़ निर्दलीय विधायकों को ही नहीं उनके परिजनों और रिश्तेदारों को भी प्रताड़ित किया गया। अब उनके पास क्या रास्ता बचा था? नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि देहरा के लोग देहरा के बेटे के साथ है जो दिन रात देहरा के विकास के लिए कार्यरत है। देहरा में नंदनाला पर पुल के लिये होशियार सिंह ने मुझसे मुख्यमंत्री रहते कई बार कहा। इस पुल से 25 हज़ार से ज़्यादा लोगों को राहत मिलती। भाजपा सरकार में इस पुल को स्वीकृत किया और 11 करोड़ रुपए जारी कर दिए। जब से निर्दलीय विधायकों ने इस्तीफ़ा दिया है तब से इस पुल का निर्माण कार्य रोक दिया गया है।
राहुल गांधी द्वारा हिंदुओं को हिंसक बोलना दुर्भाग्यपूर्ण
नेता प्रतिपक्ष ने राहुल गांधी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इतनी बड़ी आबादी को लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष द्वारा हिंसक कहना दुर्भाग्यपूर्ण हैं। इस तरह से बहुसंख्यक समाज के प्रति सदन में की गई टिप्पणी से शांति और अहिंसा परमोधर्मः की जीवन पद्धति का आचरण करने वाले हिंदू धर्मावलम्बियों का भी अपमान है। कांग्रेस द्वारा इस तरह की टिप्पणी बार-बार की जा रही है।