ज्ञान ठाकुर/हप्र
शिमला, 21 जुलाई
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के कर्मचारियों की देनदारियों को लेकर आ रहे विभिन्न फैसलों के बाद सरकार खासकर अफसरशाही की दिक्कतें बढ़ गई हैं क्योंकि अदालत में जवाब अफसरशाही को देना पड़ रहा है। ऐसे में अब प्रदेश की सुक्खू सरकार की अफसरशाही ने अदालत के कर्मचारियों के भुगतान को लेकर आए विभिन्न फैसलों से पार पाने और भुगतान का नया फार्मूला ईजाद करने के लिए कसरत आरंभ कर दी है। इसी कड़ी में सुक्खू सरकार की अफसरशाही ने सोमवार को एक बैठक बुलाई है जिसमें कर्मचारियों की बकाया देनदारियों के भुगतान के फार्मूले पर विचार होगा।
इस बैठक में विशेषतौर पर अदालती आदेशों के बाद रिटायर कर्मचारियों के एरियर के भुगतान के मुद्दे पर चर्चा होगी।हिमाचल सरकार ने सेवारत कर्मचारियों को अभी तक छठे पंजाब वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत संशोधित वेतन के एरियर की केवल एक किस्त का भुगतान किया है। यही नहीं, 2016 व 2021 के बीच के पेंशनरों की संशोधित ग्रेच्यूटी के साथ-साथ संशोधित दरों पर पेंशन कम्युटेशन का भी भुगतान नहीं हुआ है। अदालती आदेशों के बाद अब सरकार भुगतान को विवश है। लिहाजा भुगतान का कोई नया फार्मूला तलाशने के मकसद से वित्त विभाग ने अधिकारियों की बैठक बुलाई है। बैठक में विभिन्न विभागों, निगम और बोर्ड में लंबित वित्तीय अदायगियों की जानकारी जुटाई जाएगी। इसके बाद वित्त विभाग कर्मचारियों व पैंशनरों की वित्तीय अदायगियां करने के लिए कोई नया फार्मूला तैयार कर सकता है। हिमाचल प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों और पैंशनरों को करीब 10 हजार करोड़ रुपए से अधिक एरियर की अदायगी करनी है। इसके अलावा कर्मचारियों व पैंशनरों का 12 फीसदी महंगाई भत्ता चुकाने के लिए 1 हजार करोड़ रुपए चाहिए यानी कुल मिलाकर सरकार को 12 हजार करोड़ रुपए से अधिक लंबित वित्तीय अदायगियां करनी हैं।