बीबीएन, 9 मार्च (निस)
क्राफ्ट पेपर के दामों में बेतहाशा वृद्धि के चलते 4 राज्यों में गत्ता उद्योग बंद होने के कगार पर है। बद्दी के किशनपुरा स्थित एक होटल में 4 राज्यों के गत्ता उद्योग मालिकों की बैठक हुई। हिमाचल कोरोगेटिड मैन्यूफैक्चरिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरिंदर जैन की अध्यक्षता में हुई बैठक में एकमत से निर्णय लिया कि अगर क्राफ्ट पेपर मिलों की मनमानी बंद नही हुई तो वह अपने उद्योग बंद करने को मजबूर होंगे।
बैठक में वक्ताओं ने कहा कि पेपर मिलों ने पिछले 5 माह में 60 से 70 फीसदी क्राफ्ट पेपर में वृद्धि कर गत्ता उद्योग की कमर तोड़ दी है। प्रदेश में 350 से अधिक गत्ता उद्योग हैं जिनमें 10 हजार से अधिक मजदूर कार्यरत हैं और हर माह 35 हजार टन क्राफ्ट पेपर की खपत है। हिमाचल में कुल 6 पेपर उद्योग हैं, जो 20 हजार टन उत्पादन हर माह करते हैं। उन्होंने कहा कि क्राफ्ट पेपर मिलों की मनमानी के चलते गत्ता उद्योग नुकसान में चल रहे हैं। जुलाई से दिसम्बर तक 40 फीसदी और अब मार्च तक 30 फीसदी दामों में वृद्धि हुई है। हालात यह हो चुके हैं कि टैक्स की अदायगी के साथ-साथ कामगारों की तनख्वाह, बिजली बिल, बैंक ब्याज आदि भरने में असमर्थ हैं। ग्राहक रेट की बढ़ोतरी करते नहीं और न ही समय पर पेमेंट देते हैं। जबकि पेपर मिल मालिक बिना एडवांस पेपर नहीं देते। उन्होंने कहा कि सरकार पेपर के निर्यात पर जब तक प्रतिबंध नहीं लगाती, क्राफ्ट पेपर मालिकों की मनमानी नहीं रुकेगी। बैठक में बीबीएन इकाई के प्रधान हेम राज चौधरी, महासचिव अशोक राणा, पंजाब राज्य के प्रधान आर के गर्ग, दीपक, पंकज, सुशील गुप्ता सहित करीब 150 से अधिक उद्योगपति मौजूद थे।