शिमला, 9 दिसंबर (निस)
हिमाचल प्रदेश में हाल ही में सम्पन्न उपचुनावों में सत्तादल भाजपा की शर्मनाक हार के बाद प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र कल से धर्मशाला के तपोवन में आरंभ हो रहा है। सत्र आरंभ होने से पहले ही विपक्षी दल कांग्रेस ने सदन का माहौल गर्माए रखने और सरकार की जबरदस्त घेराबंदी के संकेत दे दिए हैं। विपक्षी दल कांग्रेस विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इस बार पहले से अधिक आक्रामक रुख अपनाने के मूड में है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक पार्टी सदन के भीतर सरकार को उपचुनावों में हुई भाजपा की करारी हार पर जबरदस्त तरीके से घेरने जा रही है। इसके लिए विपक्षी दल की ओर से सत्र के पहले ही दिन काम रोको प्रस्ताव लाए जाने की संभावना है। विपक्ष की दलील है कि उपचुनाव में भाजपा का सूपड़ा साफ होने के बाद ये तय हो गया है कि सरकार जनता का विश्वास खो चुकी है। ऐसे में भाजपा को सत्ता में बन रहने का कोई अधिकार नहीं रह गया है और उसे सरकार भंग कर नए सिरे से जनादेश प्राप्त करना चाहिए। सूत्रों के अनुसार विपक्षी दल कांग्रेस राज्य में सवर्ण आयोग के गठन का मामला भी जोर-शोर से उठाने जा रही है। खासकर कांग्रेस के युवा विधायक व पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह स्वर्ण आयोग की पिछले काफी समय से पैरवी कर रहे हैं और अब जबकि राज्य में चुनावी वर्ष आरंभ हो गया है। ऐसे में कांग्रेस इस मुद्दे को ज्यादा से ज्यादा हवा देकर जातीय समीकरण साधने का प्रयास करेगी। महंगाई भी शीतकालीन सत्र के दौरान कांग्रेस का बड़ा मुद्दा होगा। कांग्रेस ने उपचुनाव के दौरान भी महंगाई को जोरशोर से उठाया था और उसी का नतीजा है कि कांग्रेस उपचुनाव में न केवल चारों सीटें जीत पाई बल्कि भाजपा को प्रदेश की जनता के सामने घुटनों के बल भी ला खड़ा किया। उपचुनावों में सत्ता दल भाजपा की हार का एक बड़ा कारण कर्मचारियों की सरकार से नाराजगी भी रहा। प्रदेश में इस समय न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) के तहत आने वाले कर्मचारियों की संख्या काफी अधिक है और कांग्रेस इन कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने की मांग कर इनका आगामी विधानसभा चुनाव में समर्थन हासिल करेगी। इसी तरह करुणामूलक आधार पर नौकरी की मांग कर रहे लोगों का मुद्दा भी विपक्ष जोरशोर से उठाने जा रहा है। प्रदेश के पुलिस जवानों के वेतन विसंगतियों का मुद्दा भी इन दिनों जयराम सरकार की गले का फांस बना हुआ है। ऐसे में कांग्रेस इस मुद्दे पर भी सत्र के दौरान खूब राजनीति करेगी। बीते चार सालों के दौरान प्रदेश के सबसे बड़े जिले कांगड़ा के साथ भेदभाव का मुद्दा भी शीतकालीन सत्र के दौरान जोरशोर से उछलने की संभावना है। विपक्षी दल कांग्रेस ने शीतकालीन सत्र को हंगामेदार बनाने के लिए किस कदर तैयारी की है इस बात का अंदाजा यहां से भी लगाया जा सकता है कि अभी तक सत्र के दौरान लगभग 600 सवाल विधानसभा सचिवालय को मिल चुके हैं।
इस बीच, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आज कांगड़ा जिला के धर्मशाला आगमन पर गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया। वह 10 दिसम्बर से आरम्भ हो रहे राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र में हिस्सा लेने के लिए धर्मशाला आए हैं। इसके उपरान्त मुख्यमंत्री ने संवाद कक्ष परिधि गृह में जन समस्याएं सुनीं और संबंधित अधिकारियों को उनके समयबद्ध समाधान के लिए जरूरी निर्देश दिए।
वन व युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री राकेश पठानिया, धर्मशाला के विधायक विशाल नेहरिया, वूल फेडरेशन के अध्यक्ष त्रिलोक कपूर और अन्य स्थानीय नेताओं ने गग्गल हवाई अड्डे पर मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
केंद्रीय विश्वविद्यालय अब कोई मुद्दा नहीं : जयराम
धर्मशाला (निस) : मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय अब कोई मुद्दा नहीं है क्योंकि अब इस पर शीघ्र काम शुरू होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि धर्मशाला के जदरांगल और देहरा में भूमि चयनित कर ली गई है। धर्मशाला में भूमि का कुछ हिस्सा सुरक्षित है या नहीं इस पर जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम काम कर रही थी जिनसे भी पॉजिटिव रिस्पांस मिलने के बाद अब जल्द ही काम शुरू कर दिया जाएगा। शीतकालीन सत्र लिए वीरवार को धर्मशाला पंहुचे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि धर्मशाला में करीब 25 हेक्टेयर भूमि पहले ही केंद्रीय विश्वविद्यालय के नाम की जा चुकी है और अब जल्द ही इसका काम शुरू कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के लिए पूरी तरह तैयार है और विपक्ष द्वारा उठाए जाने वाले सभी विषयों के माकूल जवाब दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने दोनों पक्षों के विधायकों से आह्वान किया है कि वह नियमानुसार चर्चा में भाग लें ताकि सत्र सौहादपूर्ण माहौल में चल सके उन्होंने कहा कि विधायक जिस भी विषय पर नियमानुसार चर्चा चाहेंगे उस विषय पर चर्चा करवाई जाएगी।