ज्ञान ठाकुर/निस
शिमला, 7 नवंबर
हिमाचल प्रदेश में 10 निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की शीघ्र ही नौकरी से छुट्टी होगी। इन निजी विश्वविद्यालय के कुलपतियों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यूजीसी द्वारा निर्धारित शैक्षणिक मापदंड पूरे न करने के कारण अयोग्य करार दिया गया है। जानकारी के मुताबिक हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग को बड़ी संख्या में शिकायतें मिली थी कि राज्य में चल रहे कई निजी विश्वविद्यालय के कुलपति यूजीसी द्वारा निर्धारित योग्यता पूरी नहीं करते हैं। इसके उपरांत आयोग ने इन कुलपतियों की योग्यता जांचने के लिए तीन- सदस्यीय कमेटी का गठन किया। कमेटी ने राज्य में चल रहे 17 में से 10 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को इस पद के लिए अयोग्य पाया है।
जिन दस निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को कमेटी ने निर्धारित योग्यता पूरी न करने के चलते अयोग्य करार दिया है, उनमें महर्षि मार्कंडेश्वर विश्वविद्यालय, शूलनी विश्वविद्यालय, एपीजी शिमला विश्वविद्यालय, बद्दी विश्वविवद्यालय, बाहरा विश्वविद्यालय, अर्नी विश्वविद्यालय, चितकारा विश्वविद्यालय, इंडस विश्वविद्यालय, एटरनल विश्वविद्यालय और आईसीएसएआई विश्वविद्यालय शामिल हैं।
हिमाचल प्रदेश राज्य निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के अध्यक्ष सवानिवृत मेजर जनरल अतुल कौशिक ने इस बात की पुष्टि की है कि राज्य के दस निजी विश्वविद्यालय के कुलपति निर्धारिति मापदंड पूरे नहीं करते हैं और इन विश्वविद्यालयों के कुलाधिपतियों को अयोग्य कुलपतियों के खिलाफ कार्रवाई करने तथा 10 दिसंबर तक कार्रवाई की रिपोर्ट से आयोग को अवगत करवाने के लिए कहा जाएगा।
शिक्षकों को लेकर भी कई सवाल
इन निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के शैक्षणिक मामले में अयोग्य पाए जाने के उपरांत इन विश्वविद्यालयों में पढ़ा रहे शिक्षकों को लेकर भी कई सवाल उठ गए हैं। गौरतलब है कि इन निजी विश्वविद्यालयों के कुलपति ही नहीं बल्कि शिक्षकों की योग्यता को लेकर भी आयोग के पास शिकायतों का ढेर है।