कपिल बस्सी/निस
हमीरपुर, 17 जनवरी
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को अपने चुनाव क्षेत्र नादौन उपमंडल के गलोड से ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही उनकी सोच गांव तक पहुंचने की रही है। उन्होंने कहा कि हिमाचल के गांवों में 90 प्रतिशत आबादी बसती है तथा आने वाले बजट में गांव की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि गांव की आत्मनिर्भरता से ही आत्मनिर्भर हिमाचल की परिकल्पना साकार होगी। अगले 10 वर्षों में हिमाचल को देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार से कर्ज विरासत में मिला और आज उस कर्ज को चुकाने के लिए भी कर्ज लेना पड़ रहा है। इस बड़ी चुनौती के बीच राज्य सरकार ने कर्मचारियों से किए वादे को निभाते हुए पहली ही कैबिनेट में पुरानी पेंशन बहाल की, ताकि उन्हें बुढापे में किसी पर निर्भर न रहना पड़े। उन्होंने कहा कि एनपीएस के 9000 करोड़ रुपए केंद्र सरकार से वापस करने का अनुरोध किया गया, लेकिन केंद्र ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। शायद केंद्र सरकार को पुरानी पेंशन बहाल करना पसंद नहीं आ रहा है। सुक्खू ने कहा कि आर्थिक चुनौतियों के बीच ही गत वर्ष हिमाचल को सबसे बड़ी त्रासदी का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि वह स्वयं प्रदेश के हर कोने में गए और लोगों के दर्द को जाना। आपदा के कारण प्रदेश में 13,000 घर आंशिक रूप से प्रभावित हुए, 3000 घर पूरी तरह से तबाह हो गए। सीमित संसाधनों के बावजूद राज्य सरकार ने उन्हें फिर से बसाने का बीड़ा उठाया है। सुक्खू ने कहा कि प्रभावित परिवारों को ग्रामीण क्षेत्रों में 5000 रुपये प्रति माह तथा शहरी क्षेत्रों में 10 हजार रुपये मकान किराए के साथ-साथ फ्री राशन और गैस सिलेंडर प्रदान किया है। प्रदेश सरकार ने कानून बदल कर गृह निर्माण के लिए मिलने वाले मुआवजे को डेढ़ लाख रुपए से बढ़ाकर 7 लाख रुपए किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के बीच भाजपा नेता विस सत्र बुलाने की मांग करते रहे, लेकिन तीन दिन तक चर्चा के बाद भी हिमाचल के हितों के साथ खड़े नहीं हुए।
उन्होंने कहा कि ‘मैं भाजपा सांसदों से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर विशेष राहत पैकेज की मांग क्यों नहीं की। भाजपा हिमाचल विरोधी है। भाजपा आपदा प्रभावितों के साथ खड़ी नहीं हुई, एनपीएस का पैसा वापस दिलाने के लिए भाजपा नेता साथ नहीं दे रहे हैं और हिमाचल के हितों की लड़ाई में भी कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं। बीबीएमबी से मिलने वाली 4300 करोड़ रुपए की हिस्सेदारी को भी भाजपा नेता रुकवाने में लगे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार विभिन्न सरकारी विभागों में 20 हजार पद भर रही है। प्रदेश में 4000 अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाया गया है। सुक्खू ने कहा कि प्रत्येक माह के अंतिम दो दिनों में लंबित राजस्व मामलों के निपटारे के लिए राजस्व लोक अदालत लगाई जा रही है।
भाजपा ने जनमंच कार्यक्रम पर खर्चे 36 करोड़ रुपए : सीएम
मुख्यमंत्री सुक्खू ने मीडिया से कहा कि सरकार ने प्रदेश में आए आपदा के बावजूद जनकल्याण की विभिन्न योजनाएं शुरू की है और आपदा प्रभावित परिवारों को सरकारी मैन्युअल में बदलाव कर राहत प्रदान करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि हम पहली सरकार हैं, जहां पुरानी पेंशन स्कीम लागू की गई। प्रदेश में इस बाहर ऐतिहासिक आपदा आई जिसे अभी तक अपने जीवनकाल में कभी नहीं देखा था। भाजपा नेताओं ने कोई मदद नहीं मांगी। उन्होंने कहा कि हमने 4500 करोड़ का आपदा राहत पैकेज जारी किया और जिनके घर उजड़ गए थे हमने उन घरों को बसाने के लिए कानून बदल दिया और डेढ़ लाख की जगह सात लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की गई। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के द्वारा कार्यक्रम की जा रही बयानबाजी पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार ने जनमंच कार्यक्रम पर लगभग 36 करोड़ रुपए व्यय किए थे जबकि प्रदेश सरकार इन कार्यक्रमों पर कोई भी पैसा नहीं खर्च कर रही है।