शिमला, 29 नवंबर (हप्र)
हिमाचल विधानसभा का शीतकालीन सत्र 19 से 23 दिसंबर तक धर्मशाला स्थित तपोवन विधान भवन में होगा। सुक्खू सरकार का एक साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद हो रहे शीतकालीन सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं। विपक्षी भाजपा सदन में सरकार से एक साल के दौरान कांग्रेस की चुनावी गारंटियों को लेकर हिसाब किताब मांगेगी। साथ ही एक साल में सरकार द्वारा उठाए गए कर्ज के मुद्दे पर भी सदन के तपने के आसार हैं। कांग्रेस सरकार का एक साल का कार्यकाल 11 दिसंबर को पूरा हो रहा है।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल की संस्तुति के बाद विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने शीतकालीन सत्र की अधिसूचना जारी कर दी है। पठानिया ने आज शिमला में कहा कि सत्र के दौरान 5 बैठकें होंगी। सत्र के दौरान 21 दिसंबर को गैर सरकारी कार्य दिवस होगा। उन्होंने कहा कि सत्र का शुभारंभ 19 दिसंबर को पूर्वाह्न 11 बजे होगा। विधानसभा सत्र से पहले सरकार का एक साल का कार्यकाल पूरा होने पर कांगड़ा जिले में ही भव्य आयोजन की तैयारी है।
कांग्रेस मुआवजे को लेकर लगातार हमलावर
कांग्रेस सरकार आपदा राहत के नाम पर प्रदेश को केंद्र से मदद न मिलने के साथ साथ राज्य में प्राकृतिक आपदा के दौरान हुए नुक्सान का मुआवजा न मिलने को लेकर लगातार भाजपा पर निशाना साध रही है। फिर चाहे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हों, अथवा उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री या राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, कांग्रेस के सभी नेता इस मुद्दे पर भाजपा को बैकफुट पर धकेलने के प्रयास में हैं। सत्तापक्ष व विपक्ष के तेवरों से साफ है कि दिसंबर माह में धौलाधार की पहाड़ियां बेशक बर्फ से लकदक होंगी, मगर सदन के भीतर मुद्दों की तपिश खूब रहेगी।