रमेश सरोए/ हप्र
करनाल, 11 नवंबर
धान खरीद प्रक्रिया के दौरान ही सरकार के खजाने को नुकसान पहुंचाने के रुझानों की शुरुआत हो चुकी है, जो साल दर साल सामने आते ही रहते हैं। उन्हें रोकने वाले ही सरकार को नुकसान पहुंचाने वालों पर मेहरबान बने हुए है, क्योंकि ऐसे लोगों पर अब तक कोई भी सख्त कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई। जिससे सरकारी खंजाने को नुकसान पहुंचाने वालों के हौसले बुलंद बने हुए हैं।
कई राइस मिलर्स सरकार से धान तो लेते हैं, लेकिन धान की कुटाई करके चावल सरकारी पूल में जमा नहीं करवाते, संबंधित विभागों के अधिकारी केवल कागजों को काले करते रहते हैं, सरकार का दबाव बढ़ने पर केस दर्ज करवा दिया जाता है, लेकिन कार्रवाई आगे नहीं बढ़ती। धान देने वाले इंसपेक्टरों पर जिम्मेदारी होती है कि वे जो सरकारी धान राइस मिलर्स को दिलवा रहे हैं, उसका चावल एफसीआई के पास जमा हो और जब तक चावल जमा नहीं हो जाता, तब उस मिल की जिम्मेदारी संबंधित इंसपेक्टरों की रहती है। इसके लिए बाकायदा विभागों द्वारा चौकीदार तक उपलब्ध करवाये जाते हैं। इसके बावजूद कई मिलों में न चावल मिलता है ओर न ही पर्याप्त धान। हैरानी तब होती है कि जो मिल डिफाल्टर हो जाते हैं, उन मिलों को नाम बदलकर एक बार फिर से सरकारी धान उपलब्ध करवा दिया जाता है, जिसकी ओर किसी का ध्यान नहीं जाता या ये जानबूझ कर किया जाता है, ये जांच का विषय हो सकता है।
हैफेड और खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा चार राइस मिलों के खिलाफ केस दर्ज करवाया गया हैं, इनमें बजाज राइस मिल, सूर्या राइस जनरल मिल, रामा इंडस्ट्रीज ओर सरस्वती एग्रो फूड शामिल हैं। इन पर आरोप है कि इन मिलों द्वारा सरकार से धान लेकर करीब 17 करोड़ 80 लाख रुपये का चावल वापस नहीं लौटाया है। केस दर्ज होने की पुष्टि करते हुए एसपी गंगा राम पूनिया ने बताया कि हैफेड और एफसीआई विभाग की शिकायत के आधार पर चारों राइस मिलों पर पैडी का चावल न लौटाने का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इन मिलों पर आरोप लगाया गया है कि इन मिलों ने करोड़ों रुपये के चावल का गबन किया है। मामले की गंभीरता के साथ जांच की जा रही हैं। कुंजपुरा के एमएस राइस मिल में फिजिकल वेरीफिकेशन के दौरान करीब 3918 क्विंटल धान कम मिला है, जिस पर मिल संचालक को नोटिस जारी किया गया था। नोटिस के बाद क्या कार्यवाही होगी, इसका क्या हश्र होगा, कहने की आवश्यकता नहीं है। वहीं, निसिंग की अनाजमंडी में 42 हजार क्विंटल से अधिक के करीब 772 गेट पास कैंसिल किए गए, जिनकी रिपोर्ट आईएएस अधिकारी योगेश सैनी ने मुख्यालय भेज दी है। गेट पास किसने कटवाए, इसकी बड़े पैमाने पर जांच होगी तो बड़ा मामला निकलकर सामने आ सकता हैं। डीएफएससी अनिल कुमार ने बताया कि कुंजपुरा के एमएस राइस मिल में फिजिकल वेरिफिकेशन के दौरान करीब 3918 क्विंटल धान कम मिला। इस पर मिल संचालक को नोटिस भेजा गया था, नोटिस का जवाब मिल गया है। मिल संचालक ने जो जवाब दिया हैं, उसको देखा जा रहा हैं। मामले में जो भी कार्यवाही होगी यकीकन की जाएगी।