करनाल, 26 सितंबर (हप्र)
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए वैज्ञानिकों की शोध, तकनीक और उनके द्वारा विकसित नयी किस्म व उत्तम गुणवत्ता के बीज किसान के खेत तक पहुंचने जरूरी हैं। शोध लैब से खेतों तक पहुंचे, इसके लिए अनेक कृषि अनुसंधान संस्थान कार्य कर रहे हैं। किसानों को भी वैज्ञानिकों की शोध का फायदा उठाने के लिए आगे आना चाहिए। राज्यपाल मंगलवार को जिला के गांव कलवेहड़ी स्थित नुजिविदु सीड्स लिमिटेड और आईएआरआई (भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में किसानों को संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल ने कहा कि भविष्य में पानी की बड़ी समस्या पैदा हो सकती है, इसके लिए भी वैज्ञानिकों की खोज महत्त्वपूर्ण है। वैज्ञानिकों द्वारा सीधी बिजाई की तकनीक जल संरक्षण में बढ़ावा देने में सहायक है। किसानों को यह विधि अपनानी चाहिए। इसके साथ-साथ बीज की किस्म के प्रयोग के समय भी किसानों को वैज्ञानिकों से सलाह करनी चाहिए। आय बढ़ाने के लिए किसानों को प्राकृतिक खेती को अपनाना चाहिए।
इस मौके पर उपायुक्त अनीश यादव, पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन, सीईओ जिला परिषद गौरव कुमार, गोपाल कृष्ण, धनंजय सिंह, डिलॉयट कम्पनी प्रतिनिधि सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।
कृषि कार्यों में भी भागीदार बनें महिलाएं
राज्यपाल ने कहा कि महिलाएं जिस कार्य को हाथ में लेती हैं, उसे भली भांति पूर्ण करने में सक्षम होती हैं। उन्हेें कृषि कार्यों में भी आगे आना चाहिए। राज्यपाल ने कार्यक्रम के दौरान एनएसएल आर एंड डी फार्म में धान की विभिन्न किस्मों पीबी-1979 और पीबी-1985 के साथ ही नए बी. एल. बी. (बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट), ब्लास्ट सहनशील बासमती पीबी- 1885 और पीबी-1847 का अवलोकन किया।
किसानों ने साझा किये अनुभव
कार्यक्रम के दौरान कई प्रगतिशील किसानों ने अनुभव और सुझाव राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के समक्ष रखे। इनमेें शमशेर सिंह संधू, राजकुमार, नरेंद्र चौहान तथा रघुवीर सिंह आदि शामिल थे। प्रगतिशील किसान गुरदीप सिंह ने राज्यपाल को पौधा भेंट किया। नुजिविदु सीड्स लिमिटेड के एमडी प्रभाकर राव व सीओओ शरद खुराना ने राज्यपाल को शाल ओढ़ाकर व पुष्पगुच्छ देकर उनका स्वागत किया। मंच संचालन ऋषि अरोड़ा ने किया।