तीन जुलाई के दैनिक ट्रिब्यून में राजकुमार सिंह का लेख ‘पंजाब : सत्ता केंद्रित अवसरवादी राजनीति’ हाशिये पर गये राजनेताओं की सत्ता की भूख को दर्शाने वाला था। अपनी राजनीति चमकाने के लिये टांग खींचने व प्रलोभन का यह खेल सिरे चढ़ेगा, इसमें शक है। जनता अब समझदार हो गई है। बिना जनाधार के क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू ने कई मुगालते पाल रखे हैं। कैप्टन जमीन से जुड़े राजनेता हैं, उनकी जड़ें गहरी हैं। लेखक ने इस बात का खुलासा किया है कि ये राजनीतिक तिकड़में दूरगामी परिणाम नहीं देने वाली। देश में लगातार सिकुड़ रही कांग्रेस कहीं आने वाले विधानसभा चुनाव में झटका न खा जाये। मुफ्त की राजनीति करने वाले केजरीवाल का दांव पंजाब में चल पायेगा, कहना मुश्किल है।
मधुसूदन शर्मा, रुड़की, हरिद्वार
ड्रोन का जवाब
पाकिस्तान सीमा पर आतंकवाद को बढ़ावा देने के बाद अब ड्रोन के जरिए भारत के सामरिक रूप से महत्वपूर्ण स्थानों को निशाना बनाने की साजिश रच रहा है। अब लगता है कि सर्जिकल स्ट्राइक का दायरा बालाकोट से बढ़ाकर रावलपिंडी तक करना होगा तभी पाकिस्तानी हस्तक्षेप बंद हो सकेगा।
अमृतलाल मारू ‘रवि’, धार, म.प्र.