तेईस अक्तूबर के दैनिक ट्रिब्यून में राजकुमार सिंह का लेख ‘बहुत कठिन है कांग्रेस की डगर’ पार्टी की खस्ता हालत की हकीकत दर्शाता है। लेख सोचने पर मजबूर करता है कि कांग्रेस की ऐसी गत कैसे हो गई है। सही मायनों में तो कांग्रेस की नीतियां ही पार्टी की बदहाली के लिये जिम्मेदार हैं। पार्टी ने जिस तरह दरबारी संस्कृति को बढ़ावा दिया और जनाधार वाले नेताओं की जड़ों को कमजोर किया, उसी का खमियाजा पार्टी भुगत रही है। आपने बहुत महत्वपूर्ण सलाह कांग्रेस को दी है कि जनाधार वाले नेताओं को पार्टी से जोड़ा जाये और पार्टी छोड़कर गये दिग्गज नेताओं की घर वापसी की व्यवस्था की जाये।
मधुसूदन शर्मा, रुड़की, हरिद्वार
कुदरत का क्रोध
प्रकृति जब किसी भी रूप में अपना कहर बरपाती है, तब हर किसी को यह सोचने पर मजबूर कर देती है कि इंसान ने विज्ञान के क्षेत्र में बेशक बहुत तरक्की कर ली है, लेकिन प्रकृति के आगे इंसान आज भी बौना ही है। आज मौसम चक्र बिगड़ने का कारण, इंसान द्वारा भौतिकवाद की अंधी दौड़ में प्रकृति की नाक में दम करना है। इंसान अगर प्रकृति के साथ सामंजस्य बैठाने में गंभीर नहीं हुआ तो प्राकृतिक आपदाएं देश की आर्थिक व्यवस्था पर भी नकारात्मक प्रभाव डालेंगी।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर