चंडीगढ़ : बड़े पर्दे की पंजाबी फिल्म रॉकी मेंटल फेम युवा लेखक संजय सैनी अब अखाड़ा के लिए तैयार हैं। दरअसल अब वह पहलवानों की जिंदगी के बारे में अखाड़ा नाम से वेब सीरीज लेकर आ रहे हैं जो जल्द ही स्टेज एप पर दिखेगी। इस वेब सीरिज में संजय ने हरियाणा के पहलवानों की जिंदगी और उनके संघर्ष के बारे में कहानी लिखी है। जो पहलवानों की जिंदगी के साथ-साथ तमाम पहलुओं को समेटे हुए है।
हरियाणा के जिला जींद के किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले संजय ने चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज में विज्ञान संकाय से बीएससी, एमएससी की पढ़ाई की। इस दौरान उन्होंने फिल्म लेखन में हाथ में भी हाथ आजमाया। उन्होंने रॉकी मेंटल फिल्म लिखी जिसे खूब सराहा गया। संजय कहते हैँ, ‘जीवन भी एक अखाड़े की तरह है। हार हो या जीत लेकिन निरंतर आपको कुश्ती जारी रखनी चाहिए।’ संजय संजू सैनी अभी भी हरियाणा के जींद की चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान में स्नातकोत्तर कर रहे हैं। बिरौली गांव के राइटर\डायरेक्टर संजय सैनी ने मनोविज्ञान और शारीरिक विकास का मजबूत संबंध बताते हुए कहा कि खेल में हर दौर आता है जिसमें हार और जीत लगी रहती है जिसके कारण खेल शरीर के साथ-साथ हार और जीत सहन करने की शक्ति भी प्रदान करते हैं। उनकी फिल्म रॉकी मेंटल भी खेल पर ही आधारित थी और पंजाब में फिल्म ने अच्छी खासी लोकप्रियता बटोरी थी। अब उन्होंने काफी समय तक हरियाणा के विभिन्न गांवों और छोटे कस्बों में इस पर शोध करके कुश्ती पर वेब सीरिज़ अखाड़ा लिखी है जो रिलीज होने से पहले ही काफी चर्चा में है। आने वाली जून महीने में वेब सीरिज दर्शकों के बीच में आ सकती है। उनका कहना है कि जो सितारे चमक जाते हैं वो सबको दिख जाते हैं लेकिन धुंधले सितारों का भी वजूद होता है ठीक उसी तरह पहलवान जो चमकने से रह जाते हैं उनका क्या होता है उसी पर केंद्रित है ये वेब सीरिज़ अखाड़ा।