श्रीनगर, 10 जुलाई (एजेंसी)
हिज्बुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के 2 पुत्रों और 2 पुलिस कर्मियों सहित जम्मू-कश्मीर के 11 कर्मचारियों को आतंकवादी समूहों के लिए काम करने के आरोप में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।
अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि बर्खास्त किये गये कर्मचारी शिक्षा, पुलिस, कृषि, कौशल विकास, बिजली, स्वास्थ्य विभाग और शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज से थे। उन्हें संविधान के अनुच्छेद 311 के तहत बर्खास्त किया गया है। बर्खास्त कर्मचारी राहत पाने के लिए सिर्फ हाईकोर्ट का रुख कर सकते हैं।
अधिकारियों ने बताया कि इस तरह के मामलों की निगरानी के लिए गठित समिति ने अपनी दूसरी और चौथी बैठक में क्रमश: 3 और 8 कर्मचारियों को सरकारी सेवा से बर्खास्त करने की सिफारिश की थी। उन्होंने बताया कि हिज्बुल मुजाहिदीन के सरगना के बेटों सैयद अहमद शकील और शाहिद युसूफ को भी आतंकी फंडिंग में कथित तौर पर संलिप्त रहने को लेकर सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। उनमें से एक शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में कार्यरत था, जबकि दूसरा शिक्षा विभाग में था। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने दोनों के तार आतंकी फंडिंग से जुड़े होने का पता लगाया था।
समिति की दूसरी बैठक में जिन 3 कर्मचारियों की बर्खास्तगी की सिफारिश की गई, उनमें कुपवाड़ा में आईटीआई में कार्यरत एक व्यक्ति भी शामिल है, जो आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को मदद पहुंचाता था। अधिकारियों ने बताया कि वह सुरक्षाबलों की आवाजाही के बारे में आतंकी संगठनों को सूचना देता था और गतिविधियां चलाने में मदद करता था। उसके अलावा दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग के 2 शिक्षक राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाये गये। वे जमात इस्लामी और दुख्तरान ए मिल्लत की अलगाववादी विचारधारा का प्रसार कर रहे थे।