कोहिमा/नयी दिल्ली, 5 दिसंबर (एजेंसी)
नगालैंड के मोन जिले में 3 घटनाओं में सुरक्षाबलों की गोलियों से कम से कम 14 लोगों की मौत हो गयी, जबकि 11 अन्य घायल हो गये। पुलिस ने रविवार को बताया कि गोलीबारी की पहली घटना संभवत: गलत पहचान का मामला हो सकती है। इसके बाद हुए दंगों में एक सैनिक की भी मौत हो गयी।
गोलीबारी की पहली घटना तब हुई, जब शनिवार शाम कुछ दिहाड़ी मजदूर एक कोयला खदान से पिकअप वैन में सवार होकर घर लौट रहे थे। वहीं, सेना के जवान प्रतिबंधित संगठन ‘नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड-के’ (एनएससीएन-के) के युंग ओंग धड़े के उग्रवादियों की गतिविधि की सूचना मिलने पर इलाके में अभियान चला रहे थे। संभवत: गलतफहमी में सैन्यकर्मियों ने वाहन पर गोलीबारी की, जिसमें 6 मजदूरों की जान चली गयी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जब मजदूर अपने घर नहीं पहुंचे, तो स्थानीय युवक और ग्रामीण उनकी तलाश में निकले। इन लोगों ने सेना के वाहनों को घेर लिया। तीन वाहनों में आग लगा दी गयी। झड़प में एक सैनिक मारा गया। इस दौरान सैनिकों द्वारा आत्मरक्षा में की गयी गोलीबारी में 7 और लोगों की जान चली गयी।
गुस्साई भीड़ ने रविवार दोपहर को कोन्याक यूनियन और असम राइफल्स कैंप के कार्यालयों में तोड़फोड़ की, उसके कुछ हिस्सों में आग लगा दी। सुरक्षा बलों द्वारा हमलावरों पर की गयी गोलीबारी में एक और नागरिक की मौत हो गयी, जबकि 2 घायल हो गये। नगालैंड सरकार ने जिले में मोबाइल इंटरनेट और डेटा सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है।
नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने घटना की उच्चस्तरीय जांच का आश्वासन दिया और समाज के सभी वर्गों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया। अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश सरकार ने आईजीपी नगालैंड की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घटना में जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गठित उच्च स्तरीय एसआईटी इस घटना की गहन जांच करेगी।
कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का आदेश
सेना ने घटना की ‘कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी’ का आदेश देते हुए बताया कि एक सैन्यकर्मी की मौत हो गयी और कई अन्य सैनिक घायल हो गये। सेना ने कहा कि यह घटना और उसके बाद जो हुआ, वह अत्यंत खेदजनक है तथा लोगों की मौत होने की इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की उच्चतम स्तर पर जांच की जा रही है।
‘गृह मंत्रालय क्या कर रहा है ’
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘यह हृदय विदारक है। भारत सरकार को सही-सही जवाब देना चाहिए। गृह मंत्रालय वास्तव में क्या कर रहा है, अपनी ही सरजमीं पर न आम लोग सुरक्षित हैं, न सुरक्षाकर्मी।