नयी दिल्ली (एजेंसी) :
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि वह देशभर की जेलों में अपने जमानत आदेशों के सुरक्षित डिजिटल संप्रेषण के लिए एक प्रणाली लागू करेगा, क्योंकि जमानत के बावजूद, अधिकारी कैदियों की रिहाई के लिए प्रामाणिक आदेशों का इंतजार करते हैं। कोर्ट ने अपनी तल्ख टिप्पणी में कहा कि डिजिटल युग में ‘हम अब भी आदेश पहुंचाने के लिए आकाश में कबूतर उड़ाना चाहते हैं।’ चीफ जस्टिस एनवी रमण, जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस ए एस बोपन्ना की पीठ ने यूपी के अधिकारियों की ओर से उन 13 कैदियों की रिहाई में देरी का स्वत: संज्ञान लिया था, जिन्हें 8 जुलाई को जमानत दी गयी थी।