नयी दिल्ली, 16 नवंबर (एजेंसी)
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) गिरीश चंद्र मुर्मू ने शनिवार को अधिकारियों से नये तरीके से सोचने, नयी तकनीकों के साथ प्रयोग करने और बदलते तकनीकी परिवेश के साथ तालमेल बिठाने को कहा।
उन्होंने यहां चौथे लेखापरीक्षा दिवस समारोह में कहा, ‘एक संगठन के रूप में, हम इनसे गहराई से परिचित हैं और ऐसे परिवेश में लेखापरीक्षा और लेखा प्रथाओं के असर को बढ़ाने के लिए उभरते तकनीकी रुझानों के साथ जुड़ रहे हैं।’ मुर्मू ने कहा कि लेखा परीक्षा और लेखा पद्धतियों को मजबूत करने के लिए कैग संगठन के सभी कार्यालयों को नयी तकनीकों के साथ प्रयोग करने, नये तरीके से सोचने और बदलते तकनीकी तथा शासन परिवेश से तालमेल बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने चौथे लेखा परीक्षा दिवस समारोह का उद्घाटन करते हुए कैग की समृद्ध विरासत की सराहना की। उन्होंने कृत्रिम मेधा सहित उभरती प्रौद्योगिकियों को कैग के अपनाने की भी प्रशंसा की।
मजबूत, पारदर्शी ऑडिट प्रणाली से लोकतंत्र मजबूत : बिरला
कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि मजबूत और पारदर्शी ऑडिट प्रणाली लोकतंत्र को मजबूत करने में मदद करती है और देश को सर्वांगीण विकास के पथ पर ले जाती है। बिरला ने यह भी कहा कि भारतीय लोकतंत्र में राजकोषीय अनुशासन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए, प्रमुख विपक्षी दल के एक वरिष्ठ सदस्य को पारंपरिक रूप से संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया जाता है। उन्होंने कहा, ‘यह भारतीय लोकतंत्र की ताकत है।’