नयी दिल्ली, 16 जून (एजेंसी)
कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को बच्चों के उपचार संबंधी दिशा-निर्देश जारी किये। मंत्रालय ने कहा है कि वयस्क कोरोना रोगियों के उपचार में काम आने वाली आइवरमेक्टिन, फैविपिराविर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन जैसी दवाओं और डॉक्सीसाइक्लिन तथा एजिथ्रोमाइसिन जैसे एंटीबायोटिक का इस्तेमाल बच्चों के इलाज में नहीं करना चाहिये। कोरोना से पीड़ित बच्चों पर इनका परीक्षण नहीं किया गया है।
दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि कोरोना से गंभीर रूप से बीमार बच्चों को देखभाल (चिकित्सा) उपलब्ध कराने के लिए मौजूदा कोविड देखरेख केंद्रों की क्षमता को बढ़ाना वांछनीय है। इस क्रम में बच्चों के उपचार से जुड़े अतिरिक्त विशिष्ट उपकरणों और संबंधित बुनियादी ढांचे की जरूरत होगी।
यह भी कहा गया है कि बच्चों के लिए कोरोना रोधी टीके को स्वीकृति मिलने की स्थिति में, टीकाकरण में ऐसे बच्चों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए जो अन्य रोगों से पीड़ित हैं और जिन्हें कोविड-19 का गंभीर जोखिम है।
मंत्रालय ने कहा, ‘लॉकडाउन हटने या स्कूलों के फिर से खुलने के बाद या अगले तीन-चार महीनों में संभावित तीसरी लहर के दौरान संक्रमण के मामलों में किसी भी वृद्धि से निपटने के लिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्र को संयुक्त रूप से प्रयास करने की आवश्यकता है। देखभाल के मूल सिद्धांतों का पालन किया जाना चाहिए।’
70 दिन बाद उपचाराधीन मामले 9 लाख से कम
देश में एक दिन में कोरोना के 62,224 नये मामले सामने आये। वहीं, 70 दिन बाद उपचाराधीन मरीजों की संख्या 9 लाख से कम हो गई है। अब 8,65,432 कोरोना मरीज उपचाराधीन हैं। बुधवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार बीते 24 घंटे में 2542 संक्रमितों की मौत हो गयी, जबकि 107628 लोग ठीक हुए।
कोविशील्ड : खुराकों के अंतराल की समीक्षा होगी
राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह के कोविड-19 संबंधी कार्यसमूह के प्रमुख डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा है कि भारत कोविशील्ड टीके की खुराकों के अंतराल की समीक्षा करेगा। अरोड़ा ने कोविड और टीकाकरण संबंधी स्थिति को ‘बहुत परिवर्तनशील’ बताया।