नयी दिल्ली, 10 मई (एजेंसी)
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को उम्मीद जताई कि जल्द ही पूरे असम से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (आफस्पा) को हटा लिया जाएगा, क्योंकि बेहतर कानून-व्यवस्था और उग्रवादी संगठनों के साथ शांति समझौते के कारण पहले ही राज्य से इसे आंशिक रूप से हटा दिया गया है। सुरक्षा स्थितियों में सुधार के मद्देनजर केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर राज्यों में आफस्पा के तहत आने वाले अशांत क्षेत्रों को धीरे-धीरे घटाना शुरू किया है। केंद्रीय गृह मंत्री असम के दो दिवसीय दौरे पर हैं।
असम पुलिस को मंगलवार को ‘प्रेसीडेंट्स कलर’ (राष्ट्रपति के ध्वज) से सम्मानित करने के बाद उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि केंद्र सरकार और मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा के प्रयासों के कारण अधिकतर उग्रवादी संगठनों ने शांति समझौता किया है और ‘वह दिन भी अब दूर नहीं जब पूरा राज्य उग्रवाद और हिंसा से पूरी तरह मुक्त हो जाएगा।’ गृह मंत्री ने कहा कि जो लोग आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौट आए हैं, उनके पुनर्वास के लिए केंद्र और राज्य की सरकारें काम कर रही हैं। शाह ने अलंकरण परेड समारोह में राज्य पुलिस को ‘प्रेसीडेंट्स कलर’ सम्मान दिया। असम देश का 10वां राज्य है, जिसे ‘प्रेसीडेंट्स कलर’ से सम्मानित किया गया है।
शांति और युद्ध के दौरान राष्ट्र की अनुकरणीय सेवा के लिए किसी भी सैन्य या पुलिस इकाई को दिया जाने वाला यह सर्वोच्च सम्मान है।
घुसपैठ रोकने में पश्चिम बंगाल नहीं कर रहा मदद
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल सरकार घुसपैठ की समस्या से निपटने में केंद्र का सहयोग नहीं कर रही है। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी घुसपैठ की समस्या को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हालांकि, उन्होंने दावा किया कि इस मसले पर ‘बंगाल की सरकार केंद्र के साथ सहयोग नहीं कर रही है।’ उन्होंने कहा, ‘दूसरी ओर, असम सरकार केंद्र के साथ पूरी तरह से खड़ी है और समस्या से मजबूती से लड़ रही है। परिणामस्वरूप घुसपैठ में उल्लेखनीय कमी आई है।’