लखनऊ, 4 अक्तूबर (एजेंसी)
उत्तर प्रदेश सरकार ने लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा की जांच उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से कराने, घटना में मारे गये 4 किसानों के परिवारों को 45-45 लाख रुपये के मुआवजे के साथ एक-एक सदस्य को नौकरी देने की घोषणा की है। राज्य के अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने बताया कि किसानों के साथ समझौते के तहत घायलों को बेहतर इलाज के लिए 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता भी दी जाएगी। लखीमपुर में सोमवार को भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत की मौजूदगी में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने सरकार के फैसले की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस मामले में दोषी कोई भी व्यक्ति बख्शा नहीं जाएगा और कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी। अन्य मुद्दों को हल करने के लिए अधिकारी किसानों की एक समिति के संपर्क में रहेंगे। टिकैत ने कहा कि अधिकारियों ने उन्हें दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
रविवार को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव में आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत करने के विरोध को लेकर भड़की हिंसा में 4 किसानों समेत 8 लोगों की मौत हो गयी थी। आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पुत्र आशीष मिश्रा ने किसानों को गाड़ी से रौंदा।
मंत्री के पुत्र के खिलाफ केस दर्ज
लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने 2 एफआईआर दर्ज की हैं। अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने बताया कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पुत्र आशीष मिश्रा सहित कई अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।