कोलकाता, 8 अगस्त (भाषा)
Buddhadev Bhattacharya passes away: पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का बृहस्पतिवार को कोलकाता स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। वह 80 वर्ष के थे। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की राज्य इकाई के सचिव मोहम्मद सलीम ने यह जानकारी दी। भट्टाचार्य वृद्धावस्था संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे।
उनके परिवार में उनकी पत्नी मीरा और बेटी सुचेतना हैं। माकपा के एक अधिकारी ने बताया कि भट्टाचार्य ने बृहस्पतिवार को सुबह साढ़े आठ बजे अंतिम श्वांस ली। वरिष्ठ माकपा नेता साल 2000 में पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बने थे।
भट्टाचार्य साल 2011 के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस से हार गये थे और राज्य में माकपा के नेतृत्व वाले वाम मोर्चा का 34 साल का शासन खत्म हो गया था।
माकपा के वरिष्ठ नेता जब मुख्यमंत्री थे तो उनके कार्यकाल में मौजूदा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में उद्योगों के लिए भूमि अधिग्रहण को लेकर व्यापक प्रदर्शन हुए थे।
बुद्धदेव भट्टाचार्य ने 2015 में माकपा पोलित ब्यूरो और केंद्रीय समिति से इस्तीफा दे दिया था और 2018 में पार्टी के राज्य सचिवालय की सदस्यता भी छोड़ दी थी। पिछले कुछ वर्षों से वह सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूर रहते थे और अधिकतर समय अपने आवास में ही व्यतीत करते थे।
ममता बनर्जी बुद्धदेव भट्टाचार्य के घर गईं
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने पूर्ववर्ती बुद्धदेव भट्टाचार्य के आवास पर पहुंचीं। भट्टाचार्य का बृहस्पतिवार को सुबह निधन हो गया था। ममता ने इससे पहले भट्टाचार्य के निधन पर दुख और शोक व्यक्त किया। भट्टाचार्य वृद्धावस्था संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी मीरा और बेटी सुचेतन हैं।
ममता दक्षिण कोलकाता के पाम एवेन्यू में भट्टाचार्य के दो कमरों वाले सरकारी अपार्टमेंट में गईं। जब भट्टाचार्य बीमार थे, तब भी ममता उनसे मिलने कई बार गई थीं। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के आकस्मिक निधन से स्तब्ध और दुखी हूं। मैं उन्हें पिछले कई दशकों से जानती थी और पिछले कुछ वर्षों में जब वह बीमार थे और घर पर थे तब मैंने उनसे कई बार मुलाकात की थी। दुख की इस घड़ी में मीरा दी और सुचेतन के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं।”
वाम मोर्चा के अध्यक्ष बिमान बोस, माकपा के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम और पार्टी के कई अन्य नेता भी भट्टाचार्य के आवास पर गए। कई पार्टी कार्यकर्ता और आम लोग भट्टाचार्य के अंतिम दर्शन के लिए उनके आवास के पास एकत्र हुए।