नयी दिल्ली, 9 मई (एजेंसी)
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) के अधिकारी भारी पुलिस बल और बुलडोजर के साथ सोमवार को शाहीन बाग इलाके में अतिक्रमण हटाने पहुंचे, लेकिन महिलाओं सहित सैकड़ों स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन के कारण उन्हें बिना कार्रवाई लौटना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने भाजपा शासित एसडीएमसी और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कुछ महिलाएं बुलडोजर के सामने आकर खड़ी हो गईं। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं ने भी कार्रवाई के खिलाफ धरना दिया। कांग्रेस की दिल्ली इकाई के मीडिया प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष परवेज आलम सहित पार्टी के कई नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया। विरोध-प्रदर्शन के कारण शाहीन बाग के अलावा कालिंदी कुंज, जैतपुर, सरिता विहार और मथुरा रोड सहित कई क्षेत्रों में भारी जाम लग गया। एसडीएमसी के मध्य ज़ोन के अध्यक्ष राजपाल सिंह ने बताया कि प्रदर्शन की वजह से अवैध ढांचों को नहीं हटाया जा सका।
भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रमुख आदेश गुप्ता ने आप और कांग्रेस की आलोचना करते कहा कि अतिक्रमण और धर्म को आपस में न जोड़ें। उन्होंने यह भी कहा कि आप और उसके विधायक रोहिंग्या व बांग्लादेशियों का साथ दे रहे हैं।
शीर्ष अदालत ने नहीं सुनी माकपा की याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग में अतिक्रमण रोधी अभियान के खिलाफ सोमवार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) द्वारा दायर याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह मामले में किसी राजनीतिक दल के कहने पर हस्तक्षेप नहीं कर सकती। अदालत ने पार्टी से दिल्ली हाईकोर्ट जान को कहा। पीठ ने कहा, ‘माकपा क्यों याचिका दायर कर रही है? किस मौलिक अधिकार का हनन हो रहा है? आप हाईकोर्ट जाएं।’