नयी दिल्ली, 10 नवंबर (एजेंसी)
वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार कर रही संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में शामिल कई विपक्षी सांसदों ने दावा किया है कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात के बाद उन्हें जो आश्वासन मिला था, उसे पूरा नहीं किया गया है। विपक्षी सांसदों ने समिति के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल पर आरोप लगाया है कि उनकी बैठकों में कोरम पूरा नहीं होने के बावजूद वह राज्यों का दौरा कर रहे हैं। हालांकि, पाल ने विपक्षी सांसदों के आरोपों को खारिज करते हुए तर्क दिया है कि संसदीय समितियों के “अध्ययन दौरे” एक अनौपचारिक अभ्यास हैं, जिनमें कोरम पर अमल जैसी औपचारिकताओं को पूरा करने की बाध्यता नहीं होती। पाल की अध्यक्षता वाली संयुक्त संसदीय समिति विभिन्न हितधारकों से बात करने के लिए पांच राज्यों के दौरे पर है। हालांकि, विपक्षी सांसदों ने इसका बहिष्कार किया है। पाल ने कहा कि वह तय समयसीमा यानी 25 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के पहले हफ्ते के आखिरी दिन तक समिति की रिपोर्ट सौंपने को लेकर आश्वस्त हैं। पाल ने बताया कि उन्होंने 200-250 पन्नों की रिपोर्ट पहले ही तैयार कर ली है। हालांकि, समिति में शामिल विपक्षी सांसदों ने पाल की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद पाल, सरकार के इशारे पर काम कर रहे हैं। विपक्षी सदस्यों ने पहले खुद को समिति के काम से अलग करने की धमकी भी दी थी।