देहरादून, 17 सितंबर (एस)
नाबार्ड के तहत स्वीकृत प्रस्तावों के सापेक्ष विभागों द्वारा लक्ष्य से कम ऋण वितरण पर सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने डिस्बर्समेंट को गंभीरता से लेते हुए ऋण वितरण व अदायगियों के लक्ष्य को तत्परता से पूरा करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने पेयजल विभाग को पेयजल सुविधाओं के विकास से संबंधित प्रस्तावों को तत्काल भेजने तथा नाबार्ड को पेयजल प्रस्तावों को शीर्ष प्राथमिकता पर लेने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी विभागों के सचिवों एवं विभागाध्यक्षों को ऋण वितरण एवं अदायगियों में तेजी लाने के लिए साप्ताहिक समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं।
विभागों द्वारा ऋण वितरण एवं अदायगियों के साथ ही नाबार्ड को प्रस्ताव भेजने के दौरान प्रक्रियाओं में हो रहे विलंब का संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव ने प्रक्रियाओं के सरलीकरण व तीव्रता के निर्देश दिए। विद्यालयी शिक्षा विभाग द्वारा आज की बैठक में मौजूद नहीं रहने पर मुख्य सचिव ने विभाग से स्पष्टीकरण लेने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने वित्त विभाग को एक सप्ताह में धीमी गति से चल रहे सभी प्रोजेक्ट्स की समीक्षा के भी निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने नाबार्ड को निर्देश दिए हैं कि राज्य में सिंचाई सुविधाओं के विकास के सापेक्ष किसानों की कृषि आय में बढ़ोतरी पर तुलनात्मक अध्ययन किया जाए। उन्होंने नाबार्ड को प्रस्तावों की स्वीकृति में तेजी लाने के भी निर्देश दिए हैं।
इस अवसर पर सचिव शैलेश बगौली, डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, अपर सचिव सी. रविशंकर एवं नाबार्ड अधिकारी पंकज यादव, निर्मल कुमार सहित विभागों के विभागाध्यक्ष एवं उच्चाधिकारी उपस्थित थे।