नयी दिल्ली, 12 नवंबर (एजेंसी)
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि भारत को विश्वास है कि वह 2030 से पहले ही रूस के साथ वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचा देगा। उन्होंने कहा कि व्यापार में चुनौतियां रही हैं, खासकर भुगतान तथा लॉजिस्टिक्स के संबंध में… और इससे काफी हद तक निपटा भी गया है, लेकिन अब भी कुछ काम किया जाना बाकी है।
विदेश मंत्री ने व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकी एवं सांस्कृतिक सहयोग पर 25वें भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग की बैठक में यह बात कही। बैठक में रूस के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व उसके प्रथम उप प्रधानमंत्री डेनिस मंतुरोव ने किया। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत में आर्थिक अवसर तलाशने में रूस की बढ़ती रुचि का देश स्वागत करता है और उसका पूर्ण समर्थन करता है। उन्होंने कहा, ‘हमारी अर्थव्यवस्थाएं न केवल कई मामलों में एक-दूसरे की पूरक हैं, बल्कि दोनों देशों को कई वर्षों से कायम आपसी भरोसे का भी फायदा मिलता है। द्विपक्षीय व्यापार में अब 66 अरब अमेरिकी डॉलर की वृद्धि होने का अनुमान है और यह प्रभावशाली है।’
रूस के प्रथम उप प्रधानमंत्री डेनिस मंतुरोव ने भी भारत और रूस के बीच तेजी से विकसित हो रहे व्यापार संबंधों पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘पिछले पांच वर्षों में हमारे देश का व्यापार कारोबार पांच गुना हुआ है। भारत अब रूस के सभी विदेशी आर्थिक साझेदारों में दूसरे स्थान पर है।