चंडीगढ़, 10 जनवरी (ट्रिन्यू)
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का कहना है कि दिल्ली बाॅर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के पीछे कांग्रेस और कम्युनिस्ट हैं। करनाल के कैमला गांव में किसान-संवाद कार्यक्रम के दौरान हुए हंगामे व उपद्रव के लिए भी उन्होंने कांग्रेस, कम्युनिस्ट पार्टी और भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी को जिम्मेदार ठहराया। चढ़ूनी का नाम लेते हुए सीएम ने कहा है कि दो-तीन दिनों से आ रहे उनके वीडियो उकसाने वाले थे।
सीएम ने रविवार शाम चंडीगढ़ में मीडिया से बातचीत में कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात रखने का अधिकार है। जब वो लोग बात रख रहे हैं तो दूसरों को भी अपनी बात कहने का मौका मिलना चाहिए। जो कैमला में हुआ, वह स्वस्थ लोकतंत्र की हत्या से कम नहीं है। सीएम ने स्पष्ट संकेत दिए कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी। अलबत्ता किसानों की मांग पर कानूनों में संशोधन को तैयार है। उन्होंने कहा कि नये कानून को कम से कम एक साल के लिए अपनाकर देखना चाहिए। कानूनों में हमेशा बदलाव की संभावनाएं बनी रहती हैं, लेकिन पहले इन्हें देखना तो चाहिए। अगर कुछ कमियां होंगी तो हम खुद इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करेंगे और बदलाव के लिए कहेंगे। किसान आंदोलन के चलते अभी तक 60 के करीब लोगों की जान जा चुकी है। इससे जुड़े सवाल पर सीएम ने कहा कि इनके लिए सीधे तौर पर कांग्रेस व कम्युनिस्ट जिम्मेदार हैं, जिन्होंने लोगों को वहां बैठने के लिए उकसा रखा है। उन्होंने कहा कि करनाल में किसान संवाद कार्यक्रम से पहले कुछ लोगों से बातचीत की गई थी। उन्होंने सांकेतिक विरोध का भरोसा दिलाया था, लेकिन कांग्रेस व कम्युनिस्टों के साथ-साथ गुरनाम सिंह चढ़ूनी की कार्यक्रम नहीं होने देने की अपील के बाद इन लोगों ने भरोसा तोड़ा है। इंटेलिजेंस फेलियर से इनकार करते हुए सीएम ने कहा कि सूचना पहले से थी, दो दिन से वीडियो वायरल हो रहे थे। उन्होंने कहा, ‘मैं वहां हेलीकाॅप्टर से उतर जाता तो ज्यादा नुकसान होता। आखिरकार सभी अपने आदमी हैं।’
26 जनवरी राष्ट्र गौरव का विषय : किसानों द्वारा 26 जनवरी को राजपथ पर ट्रैक्टर परेड के ऐलान पर सीएम ने कहा कि 15 अगस्त ओर 26 जनवरी राष्ट्र के गौरव का विषय है। इस मामले में कोई भी देशवासी राष्ट्र की भावनाओं से खिलवाड़ नही कर सकता। अगर इसमें भी कुछ लोग खलल डालने की कोशिश करेंगे तो उन्हें किसानों या देश का हितैषी कैसे माना जा सकता है।