नयी दिल्ली, 17 जनवरी (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने रियल एस्टेट क्षेत्र की प्रमुख कंपनी सुपरटेक लिमिटेड को नोएडा में एमराल्ड कोर्ट परियोजना के दो 40-मंजिले टावर को ध्वस्त करने के लिए एक कंपनी के साथ एक सप्ताह के भीतर अनुबंध करने का सोमवार को निर्देश दिया। नोएडा प्राधिकरण ने पीठ को सूचित किया कि उसने केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई), रुड़की के साथ परामर्श करके दोनों टावर को ध्वस्त करने के लिए एडिफिस इंजीनियरिंग का चयन किया है। शीर्ष अदालत ने सुपरटेक लिमिटेड को घर खरीदारों को उनके अधिकारों और विवादों के पूर्वाग्रह के बिना पैसे लौटाने का भी निर्देश दिया। न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने सुपरटेक लिमिटेड की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पराग त्रिपाठी से कहा, ‘(टावर को ढहाने वाली एजेंसी के साथ) अनुबंध आज से एक सप्ताह की अवधि के भीतर निष्पादित किया जाएगा।’