नयी दिल्ली, 3 मार्च (एजेंसी)
केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी और दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि भारत अपनी डिजाइन क्षमता और 10 अरब डॉलर के प्रोत्साहनों के साथ अगले पांच साल में वैश्विक सेमीकंडक्टर क्षेत्र में एक मजबूत ताकत बनकर उभरेगा। उन्होंने कहा कि वैश्विक विनिर्माता भारत में नयी इकाइयां स्थापित करने के लिए आकर्षित होंगे तथा इस क्षेत्र में ताइवान, दक्षिण कोरिया और चीन जैसे देशों का दबदबा कम होगा।
वैष्णव ने एक साक्षात्कार में कहा कि वैश्विक कंपनियों की सोच अब बदल रही है और वे भारत में जल्द निवेश करना चाहती हैं। उन्होंने कहा, ‘बेहतर तरीके से तैयार नीतियों की वजह से विनिर्माता यहां नयी फैब (सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन संयंत्र) इकाइयां लगाना चाहते हैं। ऐसे में वे संबद्ध क्षेत्रों में निवेश कर रहे हैं।’
वैष्णव ने कहा कि डिजाइन प्रतिभाओं का एक-तिहाई भारत में है। भारत अब खुद को चीन के स्थान पर एक लोकतांत्रिक और भरोसेमंद प्रौद्योगिकी केंद्र के रूप में पेश कर रहा है। वैष्णव ने कहा कि उनका दृढ़ मत है कि आज प्रत्येक बड़ा सेमीकंडक्टर खिलाड़ी अपनी निवेश योजना पर नये सिरे से विचार करना चाहता है और भारत आना चाहता है। उन्होंने कहा कि भारत अपनी डिजाइन क्षमता पर आगे बढ़ेगा। वैष्णव ने कहा कि प्रस्तावित फैब (चिप फैब्रिकेशन संयंत्र) और तीन एटीएमपी (असेंबली और परीक्षण) इकाइयों के साथ भारत के पास अब सेमीकंडक्टर मूल्य शृंखला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मंत्री ने कहा, ‘..जो लोग पहले सोचते थे कि हमें भारत कब जाना चाहिए या क्या हमें भारत जाना चाहिए… अब वे पूछ रहे हैं कि हम कितनी जल्दी भारत जाएं… यही बदलाव है, जो आज हो रहा है। व्यावहारिक रूप से इसका मतलब है कि अब हर बड़ा खिलाड़ी अपनी निवेश योजनाओं पर नए सिरे से विचार करना चाहेगा और भारत आना चाहेगा।’
वैष्णव का मानना है कि सेमीकंडक्टर योजनाएं भारत को आत्मनिर्भर बनाएंगी, अर्थव्यवस्था और विभिन्न उद्योगों पर गुणक प्रभाव डालेंगी, रोजगार पैदा करेंगी और आजीविका को बढ़ावा देंगी।