चंडीगढ़, 12 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
Natasa Stankovic: भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या और उनकी पत्नी नताशा स्टानकोविच के बीच तलाक की खबरों ने फैंस को पहले ही झटका दिया था, लेकिन अब पांड्या के जन्मदिन पर नताशा के एक वीडियो ने सभी को और भी चौंका दिया है।
11 अक्टूबर को हार्दिक पांड्या के जन्मदिन के मौके पर जहां उनके करीबी और फैंस ने उन्हें बधाई दी, वहीं नताशा का मशहूर यूट्यूबर एल्विश यादव के साथ एक वीडियो सामने आया, जिसने फैंस के बीच हलचल मचा दी।
इस वीडियो में नताशा और एल्विश एक पंजाबी गाने पर रोमांटिक वॉक करते नजर आ रहे हैं। वीडियो में नताशा सफेद ड्रेस पहने हुए हैं और एल्विश काले ट्राउजर, काली टीशर्ट और सिल्वर जैकेट में दिख रहे हैं। दोनों की केमिस्ट्री को देख फैंस ने उन्हें एक कपल के रूप में देखा, जिससे नताशा और एल्विश के बीच नई लव स्टोरी की अटकलें लगाई जाने लगी हैं।
एल्विश यादव ने इस वीडियो को अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट करते हुए कैप्शन दिया, “Vibin’ On A Whole New Level,” जिसका मतलब है “मस्ती, एक अलग अंदाज में।”
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फैंस इस वीडियो पर तेजी से प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कई फैंस ने नताशा पर सवाल उठाए कि पांड्या के जन्मदिन पर ऐसा वीडियो पोस्ट करना सही नहीं था।
एक फैन ने लिखा, “भाई बर्थडे के दिन नहीं करना था,” जबकि दूसरे फैन ने इसे केवल गाने का प्रमोशन बताया। हालांकि, वीडियो के पीछे की असल वजह को लेकर किसी ने कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है।
हार्दिक पांड्या और नताशा स्टानकोविच लगभग छह साल तक साथ रहे। दोनों की पहली मुलाकात 2018 में एक नाइट क्लब में हुई थी, जो धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। कोविड-19 के दौरान दोनों ने सगाई की घोषणा की थी और उनका एक बेटा भी है।
दोनों ने पिछले साल दो बार शादी की—पहली बार हिंदू रीतिरिवाज से और दूसरी बार क्रिश्चियन रीतिरिवाज से। हालांकि, 2024 में दोनों ने आपसी सहमति से तलाक लेने का फैसला किया, जिससे फैंस के बीच निराशा फैल गई।
नताशा का यह वीडियो हार्दिक पांड्या के जन्मदिन पर सामने आना फैंस के लिए किसी आश्चर्य से कम नहीं है और इसके बाद सोशल मीडिया पर नताशा और एल्विश के रिश्ते को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। अब देखना यह है कि यह वीडियो सिर्फ एक प्रमोशन था या इसके पीछे कुछ और भी है।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।
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