नयी दिल्ली, 17 जुलाई (एजेंसी)
महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने शुक्रवार को कहा कि पोषण ट्रैकर पर दर्ज बच्चों एवं महिलाओं के आंकड़े उनकी निजता को बनाये रखने के उद्देश्य से सार्वजनिक नहीं किये जाते हैं और सरकार ने कुपोषण की समस्या को उच्च प्राथमिकता दी है। स्मृति ईरानी ने कहा कि पोषण से संबंधित विभिन्न पहलुओं से निपटने के लिए राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के माध्यम से अनेक योजनाएं एवं कार्यक्रम चला रही है। लोकसभा में जी माधवी के पूरक प्रश्न के उत्तर में ईरानी ने यह जानकारी दी। पोषण ट्रैकर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की एक पहल है जिसमें प्रत्येक लाभार्थी को एक डिजिटज कार्ड देकर उसे डिजिटल पहचान दी जाती है। इसका मकसद पोषण प्रयासों को मजबूती देना है। इस ट्रैकर को केंद्रीकृत आंकड़ों के प्लेटफार्म का स्वरूप दिया गया है।
प्रश्नकाल के दौरान भाजपा के प्रताप सारंगी ने पूरक प्रश्न पूछते हुए ओडिशा में कुछ आंगनवाड़ी केंद्रों में मिलावटी खाद्यान्न पाये जाने की प्रताप सारंगी की शिकायत की तो स्मृति ईरानी ने कहा कि यह गंभीर मुद्दा है और वह राज्य सरकार के समक्ष उनकी शिकायत को उठायेंगी। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी योजनाओं से जुड़े प्रोटोकाल और नियमों का पालन किया जाना चाहिए।
एक प्रश्न के लिखित उत्तर में महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि सरकार ने पिछले दो वर्ष के दौरान देश में कुपोषण के कारण बच्चों की मौतों के संबंध में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के माध्यम से कोई जांच नहीं कराई है। उन्होंने कहा, ‘‘ कुपोषण बच्चों में मौत का सीधा कारण नहीं है। तथापि, सामान्य बच्चों की तुलना में कुपोषण बच्चों को कोई भी संक्रमण होने की संभावना अधिक होती है। यह संक्रमण के प्रति प्रतिरोधक क्षमता को कम करके रुग्ण दर एवं मृत्यु दर को बढ़ा सकती है।’ स्मृति ईरानी ने कहा कि मिशन पोषण 2.0 एकीकृत पोषण सहायता कार्यक्रम है, इसकी घोषणा सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के लिए बजट 2021-22 में की गई है। मंत्री ने कहा कि यह स्वास्थ्य, आरोग्यता को बढावा देने और बीमारी एवं कुपोषण के प्रति प्रतिरक्षण का विकास करने वाली प्रथाओं पर बल देते हुए पोषण सामग्री, वितरण, पहुंच और परिणामों को सुदृढ़ करने का प्रयास करता है। उन्होंने कहा कि मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में पोषण की गुणवत्ता एवं जांच में सुधार लाने, वितरण को सुदृढ करने और शासन में सुधार लाने के लिए पोषण ट्रैकर के तहत प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की दिशा में कदम उठाए गए हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को कुपोषण तथा संबद्ध बीमारियों की रोकथाम के लिए आयुष की पद्धतियों के प्रयोग को बढावा देने की सलाह दी गई है। उन्होंने कहा कि पूरक पोषण के वितरण में पारदर्शिता एवं जवाबदेही के लिए तथा पोषण के परिणामों का पता लगाने के लिए 13 जनवरी, 2021 को दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। ईरानी ने बताया कि आंगनवाडी सेवाओं के तहत पात्र लाभार्थियों (6 माह से 6 साल तक के सभी बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं स्तनपान कराने वाली माताओं तथा गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों) को पूरक पोषण प्रदान करने के लिए राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को 3,97,883 मीट्रिक टन सुदृढीकृत चावल और 1485 मीट्रिक टन बाजरा (वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही तक) आवंटित किया गया है।