नयी दिल्ली, 29 अक्तूबर (एजेंसी)
कोविड-19 के मद्देनजर अंतरिम जमानत या पैरोल पर रिहा किये गए 6,700 कैदियों को यहां मंडोली में पास स्थापित की गई एक अस्थायी जेल में चरणबद्ध तरीके से समर्पण करना होगा। इससे पहले इन कैदियों को दी गई जमानत विस्तार को दिल्ली हाईकोर्ट ने समाप्त कर दिया था। कैदियों के समर्पण करने के बाद जिनकी जांच में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि नहीं होगी, उन्हें 15 दिन के लिए पृथक-वास में रखा जाएगा और संक्रमित पाए गए कैदियों को अस्पताल या कोविड-19 मरीज देखभाल केंद्र भेज दिया जाएगा। महानिदेशक (दिल्ली कारागार) संदीप गोयल ने बताया कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में मंडोली जेल के पास पुलिस कॉलोनी में अस्थायी जेल स्थापित की गई है। उन्होंने कहा कि इसमें 300 फ्लैट हैं जिनमें 2 हजार लोग रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि 2 शयन कक्ष और डाइनिंग रूम वाले प्रत्येक फ्लैट में सामाजिक दूरी के नियमों को ध्यान में रखते हुए कम से कम 6 कैदियों को रखा जाएगा। दिल्ली हाईकोर्ट ने 20 अक्तूबर को कहा था कि ऐसे सभी विचाराधीन कैदी, जिनकी जमानत की अवधि को कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान या उससे पहले विस्तार मिला, उन्हें 2 नवंबर से 13 नवंबर के बीच चरणबद्ध तरीके से समर्पण करना होगा। अदालत ने यह भी कहा था कि यह आदेश उन 356 कैदियों पर भी लागू होगा जिन्हें हाईकोर्ट ने जमानत दी थी। अदालत के अनुसार ऐसे कैदियों को 13 नवंबर को जेल अधिकारियों के सामने समर्पण करना होगा। हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए गोयल ने कहा कि जेल अधिकारियों ने कैदियों के लिए पुख्ता इंतजाम किये हैं ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। उन्होंने कहा, “हाईकोर्ट द्वारा 20 अक्तूबर को जारी आदेश के अनुसार दो नवंबर से 13 नवंबर के बीच लगभग 2,200 कैदियों के चरणबद्ध तरीके से समर्पण करने की उम्मीद है।