नयी दिल्ली, 9 सितंबर (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला डॉक्टर से बलात्कार और उसकी हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे पश्चिम बंगाल के चिकित्सकों को मंगलवार शाम पांच बजे तक काम पर लौटने का निर्देश दिया है। अदालत ने सोमवार को कहा कि विरोध प्रदर्शन, कर्तव्य की कीमत पर नहीं किया जा सकता।
भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने प्रदर्शनकारी चिकित्सकों से कहा कि अगर वे काम पर लौटते हैं, तो उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाएगी। यदि वे काम से लगातार अनुपस्थित रहते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई किए जाने की संभावना है।
पीठ ने कहा, ‘पश्चिम बंगाल सरकार को चिकित्सकों के मन में यह भरोसा पैदा करने के लिए कदम उठाने चाहिए कि सुरक्षा संबंधी उनकी चिंताओं पर उचित ध्यान दिया जा रहा है। यह सुनिश्चित करने के लिए सभी जिलाधिकारी और एसपी सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज और सार्वजनिक अस्पतालों में स्थिति का जायजा लेंगे और पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करेंगे।’ अदालत ने कहा कि प्रदर्शनकारी चिकित्सक आम लोगों की जरूरतों से मुंह नहीं मोड़ सकते। युवा चिकित्सकों को अब काम पर लौटना चाहिए और मरीजों का उपचार करना चाहिए।
पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि चिकित्सकों की हड़ताल के कारण 23 लोगों की मौत हो चुकी है।
अदालत ने सीबीआई को रेप-हत्या मामले की जांच पर 17 सितंबर तक नयी रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया। पीठ ने सीबीआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा सीलबंद लिफाफे में जमा की गई रिपोर्ट का अध्ययन किया। पीठ ने कहा, ‘सीबीआई ने स्थिति रिपोर्ट जमा की है, जिससे लगता है कि जांच प्रगति पर है।’