नयी दिल्ली, 21 फरवरी (एजेंसी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि 2022-23 का केंद्रीय बजट राष्ट्रीय शिक्षा नीति को जमीनी स्तर पर लागू करने में अहम भूमिका निभाएगा। बजट में घाेषित की गयी डिजिटल यूनिवर्सिटी को एक अभिनव और अभूतपूर्व कदम बताते हुए मोदी ने कहा कि मैं इसमें वह ताकत देख रहा हूं, जिससे देश में शैक्षणिक संस्थानों में सीट की समस्या पूरी तरह खत्म हो सकती है। प्रधानमंत्री ने ‘केंद्रीय बजट 2022-23 के सकारात्मक प्रभाव’ विषय पर एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा बजट शिक्षा क्षेत्र के पांच पहलुओं-गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, कौशल विकास, शहरी नियोजन एवं डिजाइन, अंतर्राष्ट्रीयकरण और एवीजीसी (एनिमेशन विजुअल इफेक्ट्स गेमिंग कॉमिक) के सार्वभौमीकरण पर केंद्रित है। उन्होंने कहा, ‘वैश्विक महामारी के इस समय में डिजिटल कनेक्टिविटी ने हमारी शिक्षा व्यवस्था को बचाए रखा। हम देख रहे हैं कि कैसे भारत में तेजी से डिजिटल डिवाइड कम हो रहा है। नवाचार हमारे लिए समावेश सुनिश्चित कर रहा है।’ उन्होंने कहा कि मैं शिक्षा मंत्रालय, यूजीसी, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद से डिजिटल विश्वविद्यालय परियोजना पर तेजी से काम करने का आह्वान करता हूं। प्रधानमंत्री ने कहा कि ई-विद्या, वन क्लास वन चैनल, डिजिटल लैब, डिजिटल यूनिवर्सिटी जैसी शैक्षिक अवसंरचनाएं युवाओं के लिए बहुत मददगार होंगी।
मानसिक विकास से जुड़ी है मातृभाषा : सोमवार को ‘अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस’ पर उन्होंने कहा कि मातृभाषा में शिक्षा बच्चों के मानसिक विकास से जुड़ी है। उन्होेंने कहा, ‘कई राज्यों में, स्थानीय भाषाओं में चिकित्सा एवं तकनीकी शिक्षा भी दी जा रही है। स्थानीय भारतीय भाषाओं में डिजिटल प्रारूप में सर्वोत्तम सामग्री बनाने की गति होनी चाहिए। ऐसी सामग्री इंटरनेट, मोबाइल फोन, टीवी और रेडियो के माध्यम से उपलब्ध होनी चाहिए।’