नयी दिल्ली, 15 अक्टूबर (भाषा)
Exit Poll: मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने समाचार चैनलों द्वारा मतगणना के दिन शुरुआती रुझान दिखाने के चलन को ‘‘निरर्थक” करार देते हुए मंगलवार को कहा कि चैनलों पर रुझान सुबह आठ बजकर 10 मिनट पर ही प्रसारित होने लगते हैं जबकि मतों की गिनती सुबह साढ़े आठ बजे शुरू होती है।
कुमार ने संवाददाताओं से बातचीत में यह भी कहा कि एग्जिट पोल (चुनाव बाद सर्वेक्षण) उम्मीदें बढ़ाकर बहुत बड़ा भटकाव पैदा करते हैं और यह मीडिया, खासकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए आत्मनिरीक्षण का विषय है।
उनका कहना था, ‘‘हम एग्जिट पोल को नियंत्रित नहीं करते हैं, लेकिन आत्मनिरीक्षण की जरूरत है। सैंपल साइज क्या था? सर्वे कहां हुआ? नतीजे कैसे आए ? और अगर मैं उस नतीजे से मेल नहीं खाता तो मेरी क्या जिम्मेदारी है?, इन बातों को सभी को देखने की जरूरत है।”
सीईसी ने कहा कि समाचार प्रसारण और डिजिटल मानक प्राधिकरण जैसे संगठनों को कुछ स्व-नियमन करना चाहिए। उन्होंने एग्जिट पोल का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘मतगणना मोटे तौर पर चुनाव खत्म होने के तीसरे दिन होती है। शाम 6 बजे से उम्मीदें बढ़ जाती हैं, लेकिन इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।”
कुमार ने कहा, ‘‘जब गिनती शुरू होती है, तो परिणाम (मीडिया में) सुबह 8:05 और 8:10 बजे से आना शुरू हो जाते हैं। यह बकवास है। मेरी (वोटों की) गिनती सुबह 8:30 बजे शुरू होती है। मीडिया एग्जिट पोल को सही ठहराने में जुटा है।”
सीईसी ने कहा कि चुनाव आयोग अपनी वेबसाइट पर सुबह साढ़े नौ बजे से दो घंटे के अंतराल पर रुझान या नतीजे वेबसाइट पर डालना शुरू कर देता है।
कुमार ने कहा कि मतगणना केंद्रों पर किसी मीडिया संगठन के संवाददाता को परिणाम जल्दी मिल सकते हैं, लेकिन चुनाव अधिकारी को स्क्रीन पर परिणाम प्रदर्शित करना होगा, मतदान एजेंटों से उस पर हस्ताक्षर करवाना होगा और पर्यवेक्षकों से सत्यापित कराना होता है। उन्होंने यह भी कहा कि इस पूरी प्रक्रिया में आधे घंटे का समय लग जाता है।