नयी दिल्ली, 11 जून (एजेंसी)
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ी पत्रिका ‘आर्गेनाइजर’ ने कहा है कि लोकसभा चुनाव के नतीजे भाजपा के अति आत्मविश्वासी कार्यकर्ताओं और कई नेताओं का सच से सामना कराने वाले हैं। पत्रिका के मुताबिक, नेता और कार्यकर्ता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आभामंडल के आनंद में डूबे रह गए और उन्होंने आम जन की आवाज को अनदेखा कर दिया।
पत्रिका के ताजा अंक में छपे एक लेख में यह भी कहा गया कि आरएसएस भाजपा की ‘जमीनी ताकत’ भले ही न हो लेकिन पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने चुनावी कार्य में सहयोग मांगने के लिए स्वयंसेवकों से संपर्क तक नहीं किया। इसमें कहा गया है कि चुनाव परिणामों में उन पुराने समर्पित कार्यकर्ताओं की उपेक्षा भी स्पष्ट है, जिन्होंने बगैर किसी लालसा के काम किया। इनके स्थान पर सोशल मीडिया तथा सेल्फी संस्कृति से सामने आए कार्यकर्ताओं को महत्व दिया गया। आरएसएस के आजीवन सदस्य रतन शारदा ने लेख में कहा, ‘उन्हें इस बात का एहसास नहीं था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का 400 से अधिक सीटों का आह्वान उनके लिए एक लक्ष्य था और विपक्ष के लिए एक चुनौती।’ शारदा ने किसी नेता का नाम लिए बगैर कहा कि कई कांग्रेसियों को भाजपा में शामिल करने जैसे फैसलों ने भाजपा की छवि को ‘खराब’ किया।