पुरुषोत्तम शर्मा/ हप्र
सोनीपत, 6 जनवरी
कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों ने बृहस्पतिवार को केजीपी-केएमपी पर ट्रैक्टर मार्च निकालने की तैयारियां कर ली हैं। इसके लिए बुधवार को दिनभर बैठकों का दौर चला। हरियाणा के किसान संगठनों के नेता गांव-गांव समर्थन लेने पहुंचे।
वहीं, प्रशासन और सरकार को दिल्ली की चिंता सता रही है। प्रशासन काे आशंका है कि ट्रैक्टर यात्रा से दिल्ली के सभी रास्ते जाम हो सकते हैं, शांति व्यवस्था बिगड़ सकती है। इसके मद्देनजर ड्यूटी मजिस्ट्रेट लगाए गये हैं।
उधर, किसान नेताओं ने बैठक के बाद कहा कि यह यात्रा 26 जनवरी की उनकी ‘ट्रैक्टर परेड’ का ट्रेलर होगी। उन्होंने कहा कि अब 8 जनवरी की वार्ता में सरकार को तय करना है कि वह कानून रद्द करके हल चाहती है या किसानों को आंदोलन आगे बढ़ाने को मजबूर करना चाहती है।
संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य डाॅ. दर्शनपाल ने बताया कि बृहस्पतिवार सुबह 11 बजे 4 जगह से ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। कुंडली से किसान टिकरी बार्डर की ओर रवाना होंगे, तो गाजीपुर से पलवल की ओर। इसी तरह पलवल से किसान गाजीपुर और टिकरी से कुंडली बार्डर की तरफ ट्रैक्टर लेकर जाएंगे। माना जा रहा है कि कुंडली के पास से निकलने वाला ट्रैक्टर मार्च सबसे बड़ा होगा। इसमें पंजाब के साथ ही हरियाणा, यूपी व अन्य राज्यों के किसान भी शामिल होंगे।
प्रशासन को दिल्ली घिरने की आशंका : जिला प्रशासन की ओर से डीसी श्यामलाल पूनिया ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए एडवाइजरी जारी की है। इसमें आशंका जताई गयी है कि किसान शांति व्यवस्था भंग कर सकते हैं और यह दिल्ली को चार तरफ से घेरने की योजना है। पत्र में कहा गया है कि किसान संगठनों ने ट्रैक्टर मार्च के लिए गांव-गांव जाकर प्रचार किया है और मुनादी भी कराई गई है। सोनीपत के करीब 150 ट्रैक्टर-ट्रालियों में 1200 किसान मार्च में शामिल हो सकते हैं। वहीं, कुंडली बॉर्डर पर पंजाब के करीब 30 हजार किसान ट्रैक्टर मार्च में शामिल हो सकते हैं। इनमें करीब 20 हजार युवा हैं। इनके अलावा 700 निहिंग सिख अपने परंपरागत हथियारों के साथ हैं। वहीं, खुफिया विभाग ने माना है कि ट्रैक्टर मार्च से दिल्ली के सभी रास्ते जाम किए जा सकते हैं, इसके अलावा असामाजिक तत्व मार्च में शामिल होकर शांति व्यवस्था बिगाड़ सकते हैं।
कानूनों के समर्थक किसानों से मिले तोमर
नयी दिल्ली : केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को कहा कि देश भर से बड़ी संख्या में किसान तीन कृषि कानूनों के समर्थन में सामने आ रहे हैं। साथ ही उन्होंने प्रदर्शनकारी किसान संघों से तीनों कानूनों के जरिये सुधारों की भावनाओं को समझने का आग्रह किया। कानूनों का समर्थन करने वाले एक समूह के साथ बैठक के बाद तोमर ने कहा कि सरकार देश के किसानों और उनके हितों के प्रति प्रतिबद्ध है।