शिक्षा मंत्रालय को 1.20 लाख करोड़
नयी दिल्ली, 23 जुलाई (एजेंसी)
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को घोषणा की कि सरकार घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक के ऋण के लिए वित्तीय सहायता देगी। इसके लिए हर साल एक लाख छात्रों को सीधे ई-वाउचर दिए जाएंगे, जिसमें ऋण राशि का तीन प्रतिशत ब्याज अनुदान भी दिया जाएगा। हालांकि, सरकार ने उच्च शिक्षा नियामक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के लिए अनुदान 60 प्रतिशत से अधिक घटा दिया है। भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) के लिए आवंटन में लगातार दूसरे वर्ष कटौती की गई है। स्कूल शिक्षा के लिए बजट 535 करोड़ रुपये से अधिक बढ़ाया गया है, लेकिन उच्च शिक्षा के लिए अनुदान पिछले वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान (आरई) से 9,600 करोड़ रुपये से अधिक कम हो गया।
शिक्षा क्षेत्र के लिए कुल बजट आवंटन में 9,000 करोड़ रुपये से अधिक की कटौती की गई है। केंद्र ने 2024-25 के लिए शिक्षा मंत्रालय को 1.20 लाख करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किए हैं, जबकि पिछले वित्त वर्ष में संशोधित अनुमान 1.29 लाख करोड़ रुपये से अधिक था। शैक्षणिक संस्थानों में शोध और नवाचार के लिए बजट में 161 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गई है। इसी तरह, विश्व स्तरीय संस्थानों के लिए आवंटन 1,300 करोड़ रुपये (संशोधित अनुमान) से बढ़ाकर 1,800 करोड़ रुपये कर दिया गया है। आईआईटी के लिए बजट में भी पिछले साल के संशोधित अनुमान से मामूली कमी देखी गई है। पिछले साल का संशोधित अनुमान 10,384.21 करोड़ रुपये था और चालू वित्त वर्ष के लिए 10,324.50 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए सहायता अनुदान में 28 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की गई है। स्कूली शिक्षा में, केन्द्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों, एनसीईआरटी, पीएम श्री स्कूलों तथा राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों द्वारा संचालित विद्यालयों को अनुदान के लिए बजट बढ़ाया है। बजट में कौशल विकास क्षेत्र के लिए वित्त मंत्री द्वारा घोषित उपायों में 1000 आईटीआई को ‘हब और स्पोक मॉडल’ में उन्नत करना शामिल है।