ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 10 फरवरी
हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र 5 फरवरी से शुरू होगा। बुधवार को चंडीगढ़ में सीएम मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। बताते हैं कि दिल्ली बार्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन की वजह से इस बार बजट सत्र देरी से शुरू करने का निर्णय हुआ है। पहले 26 फरवरी से ही सत्र शुरू किए जाने की उम्मीद थी और विधानसभा सचिवालय ने भी इसी हिसाब से तैयारियां शुरू कर दी थी।
बजट सत्र की लगभग 12 सिटिंग होने की उम्मीद है। बजट सत्र की शुक्रवार 5 मार्च से होगी। इसके बाद 6 को शनिवार व 7 मार्च को रविवार का अवकाश रहेगा। 8 मार्च को महर्षि दयानंद सरस्वती जयंती के मौके पर वैकल्पिक अवकाश रहेगा। इस दिन सत्र चलाया भी जा सकता है और नहीं भी। इस बारे फैसला 5 मार्च को बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में ही होगा। 5 मार्च को राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य का अभिभाषण होगा। 8 मार्च को अगर सत्र चलता है तो उस दिन अभिभाषण पर चर्चा शुरू होगी। ऐसे में 9 को चर्चा के बाद 10 मार्च को सीएम इस पर रिप्लाई दे सकते हैं।
11 मार्च को महाशिवरात्रि की छुट्टी रहेगी। ऐसे में बहुत संभव है कि वित्त मंत्री होने के नाते सीएम मनोहर लाल खट्टर 12 मार्च को गठबंधन सरकार का दूसरा वार्षिक बजट पेश करें। 13 को शनिवार व 14 मार्च को रविवार का अवकाश रहेगा। इसके बाद 15 मार्च से बजट पर चर्चा शुरू होगी और दो से तीन सिटिंग में चर्चा के बाद मुख्यमंत्री विपक्ष व सत्तापक्ष के विधायकों द्वारा उठाए जाने वाले सवालों का जवाब देंगे। मार्च के तीसरे सप्ताह में बजट पास होने की उम्मीद है।
प्रदेश में वित्त मंत्रालय सीएम के पास ही है। वे राज्य की भाजपा-जेजेपी गठबंधन सरकार का दूसरा बजट पेश करेंगे। खट्टर सरकार के पहले कार्यकाल में वित्त मंत्रालय कैप्टन अभिमन्यु के पास था। 2019 के विधानसभा चुनावों में कैप्टन अभिमन्यु चुनाव नहीं जीत सके। ऐसे में सीएम ने वित्त विभाग किसी मंत्री को देने की बजाय अपने पास ही रखा।
वहीं दूसरी ओर, सीएम ने सांसदों व विधायकों से बजट को लेकर सुझाव देने के लिए 10 दिन और दे दिए हैं। जनप्रतिनिधियों से सुझावों के लिए 10 फरवरी तक का समय दिया था अब इसे बढ़ा कर 20 फरवरी कर दिया है। भाजपा व जेजेपी के अलावा कुछ निर्दलीय विधायक अपने सुझाव भेज चुके हैं। अभी तक आए सुझावों को कम्पाइल किया जा रहा है ताकि उन्हें कैटेगरी वाइज अलग-अलग किया जा सके। यहां बता दें कि सीएम ने पिछले साल प्री-बजट मीटिंग बुलाकर विधायकों से सुझाव मांगे थे। कई विधायकों के सुझावों को बजट में शामिल भी किया गया था।
इतना ही नहीं, इस बार विधायक कोरोना काल के मद्देनजर भी अपने सुझाव दे सकेंगे। पिछले बजट की तरह अबकी बार भी फोकस स्वास्थ्य व कृषि पर रह सकता है। सीएम ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में इस तरह के संकेत भी दिए थे। बकौल सीएम, बजट में हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ होता है। अबकी बार भी किसानों के लिए बहुत कुछ होगा। कृषि विभाग के अधिकारी व कर्मचारी कई दिनों से बजट तैयारियों में जुटे हैं।
उनसे बजट को लेकर नई योजनाओं की जानकारी मांगी गई है। वित्त विभाग के आला अफसरों के साथ भी सीएम नियमित रूप से बैठकें कर रहे हैं। वे संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ दो से तीन बैठकें पहले ही कर चुके हैं। कोरोना की वजह से प्रदेश को पहले ही 12 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है, लेकिन फिर भी बजट में हर वर्ग के लिए कोई न कोई योजना बनाई जाएगी। यही नहीं, ग्रामीण विकास, हेल्थ पर भी खासा जोर रहने की संभावना है।