नयी दिल्ली, 15 दिसंबर (एजेंसी)
दिल्ली की एक अदालत ने 3600 करोड़ रूपये के अगस्तावेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर धनशोधन मामले में संपत्ति कारोबार क्षेत्र की बड़ी कंपनी एम्मार एमजीएफ के पूर्व प्रबंध निदेशक श्रवण गुप्ता के खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) रद्द करने से इनकार कर दिया है। अदालत ने कहा कि वह (गुप्ता) जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। अदालत ने गैर जमानती वारंट रद्द करने की मांग संबंधी गुप्ता का आवेदन यह कहते हुए खारिज किया कि इसमें ‘दम नहीं’ है। अदालत ने कहा कि गुप्ता के खिलाफ 29 अगस्त को वारंट जारी किया गया था क्योंकि वह समन मिलने के बाद भी जांच में शामिल नहीं हुए और किसी न किसी बहाने जांच से बचने की कोशिश कर रहे थे। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा था कि गुप्ता 9 समन भेजे जाने के बावजूद जांच में शामिल नहीं हुए जिससे उनके विरूद्ध एनबीडब्ल्यू जारी किया गया और यह कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।
ईडी के अनुसार 1.24 करोड़ यूरो की राशि मॉरीशस में इंटरसेल्युलर टेक्नोलॉजीज लिमिटेड में अंतरित की गयी जो इस वर्तमान मामले में गलत कमाई के धनशोधन के लिए इस्तेमाल किये जाने मुख्य मोर्चों में एक था। जांच एजेंसी ने बताया कि इंटरसेल्युलर टेक्नोलॉजीज लिमिटेड में जो धनराशि आयी, उसका बड़ा हिस्सा उन कपंनियों के खातों में अंतरित की गयी जो गुप्ता के नियंत्रण में थी। वैसे सुनवाई के दौरान गुप्ता के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल कई व्याधियों से ग्रस्त हैं जिससे उनके कोविड-19 से संक्रमित होने का खतरा अधिक है।