नयी दिल्ली (एजेंसी)
चेन्नई के अंतरिक्ष ‘स्टार्ट-अप’ ‘अग्निकुल कॉसमॉस’ ने बृहस्पतिवार को श्रीहरिकोटा स्थित अपने प्रक्षेपण स्थल से अपने स्वदेश निर्मित ‘3डी-प्रिंटेड सेमी-क्रायोजेनिक रॉकेट अग्निबाण’ का उप-कक्षीय परीक्षण सफलतापूर्वक किया। अग्निकुल कॉसमॉस यह उपलब्धि हासिल करने वाली भारत की दूसरी निजी इकाई बन गई है। उसे यह सफलता चार असफल प्रयासों के बाद मिली। स्टार्ट अप ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा ‘यह उपलब्धि हमने अपने और भारत के पहले तथा एकमात्र निजी प्रक्षेपक स्थल से हासिल की गई जो श्रीहरिकोटा में एसडीएससी-एसएचएआर में है।’ स्टार्ट अप के अनुसार, प्रक्षेपक वाहन पूरी तरह स्वदेश में डिजाइन किया गया था और यह दुनिया के पहले ‘3डी प्रिंटेड सिंगल इंजन’ से संचालित था। यह सेमी क्रायो इंजन से भारत की पहली उड़ान है।’ इसरो ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘अग्निबाण सॉर्टेड-01 मिशन के उनके प्रक्षेपण स्थल से सफल प्रक्षेपण के लिए अग्निकुल कॉसमॉस को बधाई। यह एक बड़ी उपलब्धि है…।’ कंपनी के अनुसार अग्निबाण एक अनुकूलन योग्य दो-चरणीय प्रक्षेपण यान है जो 300 किलोग्राम तक का पेलोड (भार) लगभग 700 किलोमीटर की कक्षा में ले जा सकता है। यह रॉकेट तरल और गैस प्रणोदकों के मिश्रण के साथ एक अर्ध-क्रायोजेनिक इंजन का उपयोग करता है। यह एक ऐसी तकनीक है जिसे इसरो द्वारा अपने किसी भी रॉकेट में अभी तक प्रदर्शित नहीं किया गया है।
देश को गौरवान्वित करने वाली उपलब्धि : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सफलता को एक ‘महत्वपूर्ण अवसर’ बताया। मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘एक उल्लेखनीय उपलब्धि जो पूरे देश को गौरवान्वित करेगी। … यह हमारी युवा शक्ति की उल्लेखनीय सफलता का एक वसीयतनामा है। अग्निकुल कॉसमॉस टीम को उनके भविष्य के प्रयासों के लिए मेरी शुभकामनाएं।’