नयी दिल्ली (एजेंसी) : सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अदालतों द्वारा स्थगन आदेश देने से उस पर अनावश्यक बोझ पड़ता है। शीर्ष न्यायालय ने एक व्यक्ति को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया, जिसकी अग्रिम जमानत अर्जी पिछले सात महीने से इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष लंबित है। न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने व्यक्ति को राहत देते हुए कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने समक्ष लंबित अग्रिम जमानत अर्जी पर कोई फैसला नहीं लिया है। पीठ ने कहा, ‘हमारा मानना है कि इस तरह के स्थगन आदेशों से उचित स्तर पर निपटने के बजाय इनसे इस अदालत पर अनावश्यक बोझ ही बढ़ रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘जांच के दौरान याचिकाकर्ता को कभी गिरफ्तार नहीं किया गया।’