नयी दिल्ली, 19 नवंबर (एजेंसी)
भारत और चीन ने लगभग पांच वर्षों के अंतराल के बाद सीमा मुद्दे पर अपने विशेष प्रतिनिधियों की बैठक शीघ्र बुलाने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही दोनों देश सीधी उड़ान और कैलास मानसरोवर तीर्थयात्रा फिर से शुरू करने के करीब पहुंच गये हैं।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच सोमवार देर रात ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में जी-20 शिखर सम्मेलन के इतर हुई बातचीत में भारत-चीन संबंधों में अगले कदमों पर प्रमुखता से चर्चा हुई, जिसका उद्देश्य संबंधों को स्थिर करना है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों मंत्रियों ने महसूस किया कि संबंधों को स्थिर करने, मतभेदों को दूर करने और अगले कदम उठाने पर ध्यान केंद्रित करना जरूरी है।
पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर देपसांग और डेमचोक में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद दोनों पक्षों के बीच यह पहली उच्च स्तरीय बातचीत थी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों मंत्रियों ने माना कि सीमावर्ती क्षेत्रों में सैनिकों की वापसी से शांति और सौहार्द बनाए रखने में मदद मिली है। उसने कहा, ‘चर्चा भारत-चीन संबंधों में अगले कदमों पर केंद्रित थी। इस बात पर सहमति बनी कि विशेष प्रतिनिधियों और विदेश सचिव-उपमंत्री तंत्र की बैठक जल्द होगी।’ मंत्रालय ने कहा, ‘जिन कदमों पर चर्चा की गई, उनमें कैलास मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करना, सीमा पार की नदियों पर आंकड़े साझा करना, भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें और मीडियाकर्मियों की परस्पर आवाजाही शामिल है।’
विशेष प्रतिनिधियों की वार्ता के लिए भारत के एसआर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल हैं, जबकि चीनी पक्ष का नेतृत्व विदेश मंत्री वांग यी कर रहे हैं। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें और कैलास मानसरोवर तीर्थयात्रा निलंबित कर दी गयी थी।