नयी दिल्ली, 3 फरवरी (एजेंसी)
राज्यसभा में बृहस्पतिवार को सदस्यों ने कन्नड़ भाषा के लिए राष्ट्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा रद्द करने, ओडिशा में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत छह लाख आवास जोड़ने और कच्छी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग की। कर्नाटक से कांग्रेस के सदस्य एल हनुमंथैया ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा कन्नड़ भाषा के लिए राष्ट्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा में कन्नड़ प्रश्न पत्रों को हिंदी भाषा में पूछे जाने का मामला उठाया और इस परीक्षा को रद्द करने की मांग की। उन्होंने कहा कि कन्नड़ भाषा के प्रश्न पत्र को हिंदी में छपा हुआ देखकर सभी छात्र हैरान थे। उन्होंने कहा, ‘‘यूजीसी ने इस परीक्षा के लिए राष्ट्रीय परीक्षण प्राधिकरण को आउटसोर्स किया है। प्रश्न पत्र में केवल 10 प्रश्न कन्नड़ में थे और बाकी 90 हिंदी में थे।’ उन्होंने कहा कि कुछ दिनों बाद दूसरी परीक्षा में भी यही स्थिति रही और इसे लेकर अनेक प्रकार की शिकायतें छात्रों द्वारा की गई। बाद में परिणाम आने के बाद सुधार के लिए आवेदन करने का हवाला देकर छात्रों से प्रति प्रश्न एक हजार रुपये की मांग की गई। उन्होंने मांग की कि इस परीक्षा को तत्काल रद्द किया जाना चाहिए ताकि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो। सभापति एम वेंकैया नायडू ने इस मामले को गंभीर बताते हुए सदन में मौजूद शिक्षा राज्यमंत्री सुभाष सरकार से उचित कदम उठाने को कहा।
बीजू जनता दल के सदस्य सस्मित पात्रा ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ओडिशा में जनजातीय समुदाय के लोगों के लिए छह लाख घर दिए जाने का मामला उठाया। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले तीन सालों में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इसे लेकर तीन बार केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी और आग्रह किया कि लगभग छह लाख घर प्रधानमंत्री आवास योजना से जुड़ने चाहिए।” उन्होंने कहा कि इनमें से ज्यादातर घर आदिवासियों के लिए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मगर तीन साल में आवास पोर्टल नहीं खोला गया। दुख की बात यह है कि इसी साल 13 जनवरी को कर्नाटक के लिए आवास पोर्टल खोला गया, जिससे वे 25 लाख आवास को जोड़ सकते हैं। मेरी सरकार से अपील है कि जिस प्रकार आवास पोर्टल खोलकर कर्नाटक के लिए 25 लाख आवास आवंटित किया गया, उसी प्रकार ओडिशा के लिए भी कदम उठाए जाएं।’ बीजद के अमर पटनायक और सुजीत कुमार सहित अन्य सदस्यों ने पात्रा की इस मांग का समर्थन किया। कुमार ने कहा कि ओड़िशा के साथ भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए।
गुजरात से कांग्रेस सदस्य शक्ति सिंह गोहिल ने कच्छी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि यह ऐसी भाषा है, जो कच्छ के अलावा देश के कई हिस्सों और दक्षिण अफ्रीका में भी बोली जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि कच्छ का भौगोलिक क्षेत्र कई छोटे राज्यों के मुकाबले बहुत अधिक है। उन्होंने कहा, ‘‘कच्छ के लोगों की भावना को देखते हुए, कच्छी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए।” सभापति नायडू ने गोहिल से कहा कि वह दो पंक्तियां कच्छी भाषा में बोलकर अपनी बात रखें। इसके बाद गोहिल ने अपनी कुछ बातें कच्छी भाषा में भी सदन के सामने रखी।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम ने तिरुवनंतपुरम-कासरगोड सेमी हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर, सिल्वर लाइन का मुद्दा उठाया और कहा कि केंद्र सरकार ने अभी तक इस परियोजना को मंजूरी नहीं दी है। उन्होंने इस परियोजना को जल्दी मंजूरी देने की मांग की। बीजद के सुभाष चंद्र सिंह ने तेंदू पत्ता पर ‘जीएसटी’ नहीं लगाए जाने की मांग की वहीं भाजपा के विकास महात्मे ने दिल्ली व मुंबई जैसे शहरों में शराब की होम डिलीवरी का, कांग्रेस की अमी याज्ञनिक ने बाल कुपोषण और मनोनीत सदस्य राकेश सिन्हा ने बेगूसराय के काबर झील को विकसित करने का मुद्दा उठाया।