नयी दिल्ली, 22 जून (एजेंसी)
अठारहवीं लोकसभा के पहले सत्र से पहले एनडीए सरकार और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के बीच ‘प्रोटेम स्पीकर’ (अस्थायी अध्यक्ष) के मुद्दे पर तकरार तेज हो गई है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस पर झूठ का सहारा लेने का आरोप लगाया, वहीं विपक्षी दलों ने अध्यक्षों की सूची में शामिल होने से इनकार करने की चेतावनी दी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भाजपा के नेता और सात बार के सांसद भर्तृहरि महताब को लोकसभा का प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है, जिन्हें निचले सदन के नव-निर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाने और अध्यक्ष के चुनाव तक कर्तव्य निवर्हन का काम सौंपा गया है। राष्ट्रपति ने लोकसभा के पांच वरिष्ठ सदस्यों -के सुरेश (कांग्रेस), टीआर बालू (डीएमके), राधा मोहन सिंह और फग्गन सिंह कुलस्ते (भाजपा) और सुदीप बंदोपाध्याय (टीएमसी) को भी नामित किया था, जो 24 जून से शुरू हो रहे लोकसभा सत्र में होने वाली प्रक्रिया में महताब की सहायता करेंगे। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि सरकार ने प्रक्रियाओं और परंपराओं का उल्लंघन किया है और आठ बार के सांसद सुरेश के ‘प्रोटेम स्पीकर’ के पद पर दावे की अनदेखी की है, जिसे रिजिजू ने भ्रामक बताकर खारिज कर दिया। विपक्षी दलों के सूत्रों ने शनिवार को कहा कि सुरेश, बालू और बंदोपाध्याय प्रोटेम स्पीकर की सहायता करने के लिए अध्यक्षों की सूची में शामिल नहीं हो सकते हैं।