इंदौर , 9 अक्तूबर (एजेंसी)
कोरोना वायरस संक्रमण के कारण फेफड़े खराब हो जाने और श्वसन संबंधी समस्याओं से जूझ रही 64 वर्षीय एक महिला ने यहां इलाज लेना बंद कर दिया और जैन धर्म की एक प्राचीन प्रथा के तहत कथित तौर पर अन्न-जल छोड़कर दो दिन पहले अपने प्राण त्याग दिए। महिला के परिजनों ने शुक्रवार को बताया कि उपचार के बाद वह संक्रमण मुक्त हो गई थीं, लेकिन उनके फेफड़े खराब हो गए थे। दिवंगत महिला के करीबी रिश्तेदार जितेंद्र जैन ने बताया, ‘ फेफड़े खराब होने के कारण शहर के एक निजी अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती रेणु जैन (64) ने मंगलवार सुबह अपने परिवार से कहा कि उन्हें पुष्पगिरि जैन तीर्थ ले जाया जाए। परिवार ने उनकी इस अंतिम इच्छा का सम्मान किया।’
उन्होंने बताया कि वहां अन्न-जल के साथ ही महिला ने सांसारिक वस्तुएं छोड़कर बुधवार को प्राण त्याग दिए। संयोग से बुधवार को ही उनका 64वां जन्मदिन भी था।
जैन ने बताया कि दिवंगत महिला के परिवार में दो विवाहित बेटे हैं। कोविड-19 स्क्रीनिंग टीम के प्रभारी अनिल डोंगरे ने पुष्टि की कि रेणु जैन को कोरोना वायरस संक्रमण के चलते एक निजी अस्पताल में पिछले महीने भर्ती कराया गया था। एक चिकित्सक ने बताया, ‘ जैन कोविड-19 की जद से बाहर पाई गई थीं, लेकिन उनके फेफड़ों को काफी नुकसान हो चुका था जिससे उन्हें सांस लेने में बेहद तकलीफ हो रही थी। उनके हृदय का ऑपरेशन भी हुआ था।’