चंडीगढ़, 11 जुलाई (ट्रिन्यू)
राष्ट्रीय राजधानी–नयी दिल्ली से सटे हरियाणा के इलाकों में केंद्र सरकार के सहयोग से आधुनिक फिश (मछली) मंडियां स्थापित करेगी। ये मंडिया हरियाणा ही नहीं, राजस्थान, उत्तर प्रदेश व पंजाब के किसानों के लिए भी फायदेमंद साबित होंगी। दिल्ली के फाइव स्टार होटलों के अलावा पूरे एनसीआर एरिया में झींगा मछली की सबसे अधिक डिमांड है। यह ऐसी मछली है, जिसका उत्पादन खारे पानी में भी हो सकता है।
हरियाणा ने केंद्र सरकार के सामने मांग रखी है कि खारे पानी में झींगा उत्पादन यूनिट स्थापित करने की लागत पहले की तरह 25 लाख रुपये तय की जाए। हरियाणा के मत्स्य पालन मंत्री जेपी दलाल ने मंगलवार को तमिलनाडु के महाबलीपुरम में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय मत्स्य पालन मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला के सामने यह मुद्दा उठाया। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से मांग की कि दिल्ली से लगते हरियाणा के क्षेत्र में अति-आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित फिश मंडी स्थापित
की जाए।
इस मंडी से हरियाणा ही नहीं अपितु पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश सहित पूरे उत्तर भारत के मत्स्य किसानों का फायदा होगा। मंडी के निर्माण से मत्स्य किसान अपनी उपज (झींगा/मछली) को उचित दर पर बेच पाएंगे। वहीं दूसरी ओर मत्स्य किसान किसी आपदा के समय अपनी उपज को स्टोर कर पाएंगे। इस तरह मत्स्य किसानों को मार्केट के उतार चढ़ाव के चलते अपनी उपज को कम दरों पर बेचने की नौबत नहीं आएगी। दलाल ने कहा कि हरियाणा में 16 हजार मत्स्य पालक किसान हैं और 45 हजार एकड़ में मछली पालन किया जाता है। परिणामस्वरूप 2.12 लाख मीट्रिक टन मछली का उत्पादन होता है। 5681 मीट्रिक टन झींगा उत्पादन होता है। रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (आरएएस) के 112 प्रोजेक्ट लगाए हैं। बायोफ्लोक के 257 प्रोजेक्ट लगाने के साथ-साथ 4 कोल्ड स्टोरेज और 16 फीड मिल प्लांट भी स्थापित किए हैं। राज्य के झींगा पालकों के लिए सोलर सिस्टम को प्रधानमंत्री संपदा योजना में शामिल कर उपलब्ध करवाने की बात भी कही ताकि मत्स्य पालकों का बिजली खर्च का बोझ कम हो सके और ऊर्जा के नए विकल्प मुहैया हो सकें। उन्होंने कहा कि इस कदम से निश्चित रूप से मत्स्य पालकों की लागत में कमी आएगी व उनकी आमदनी में बढ़ोतरी होगी।
तय प्रोजेक्ट क़ीमत 25 लाख की जाये : दलाल
जेपी दलाल ने कहा, हम हरियाणा में नई किस्मों का उत्पादन करना चाहते हैं, इसके लिए केंद्र सरकार से विशेष सहायता मुहैया करवाई जाए। प्रधानमंत्री संपदा योजना की प्रशंसा करते हुए दलाल ने कहा कि यह योजना मत्स्य किसानों विशेषकर झींगा पालकों के लिए एक वरदान है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से आग्रह किया कि मत्स्य किसानों को खारे पाने में झींगा यूनिट स्थापित करने के लिए तय प्रोजेक्ट क़ीमत को पूर्व की भांति 25 लाख किया जाए। इस स्कीम को तटीय क्षेत्र में झींगा यूनिट स्थापित करने की तर्ज़ पर संपूर्ण भारत में विशेषकर हरियाणा प्रदेश में लागू किया गया, जबकि तटीय क्षेत्रों की अपेक्षा प्रदेश में यूनिट स्थापित करने पर अधिक खर्च आता है। इसलिए मत्स्य पालकों को राहत देने हेतु प्रोजेक्ट की कीमत को बढ़ाया जाना चाहिए।