नयी दिल्ली, 23 अक्तूबर (एजेंसी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कोविड-19 रोधी टीके बनाने वाली सात भारतीय कंपनियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। इस दौरान इन प्रतिनिधियों ने कहा कि नौ महीनों में लोगों को टीकों की 100 करोड़ खुराक देने के पीछे प्रधानमंत्री का नेतृत्व प्रमुख कारक रहा।
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने इस दौरान टीकों को लेकर शोध सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। इस मुलाकात में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, भारत बायोटेक, डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज, जाइडस कैडिला, बॉयोलॉजिकल ई, जेन्नोवा बायोफार्मा और पैनेसिया बायोटेक के प्रतिनिधि मौजूद थे। इनके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया और केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती पवार ने भी बैठक में शिरकत की। बैठक के बाद सीरम इंस्टीट्यूट के अदार पूनावाला ने इस उपलब्धि के लिए प्रधानमंत्री की दृष्टि को श्रेय दिया और कहा कि टीका उद्योग को आगे ले जाने, क्षमता लगातार बढ़ाने और भविष्य की महामारियों की तैयारी को लेकर प्रधानमंत्री के साथ बैठक में चर्चा हुई। अदार पूनावाला के पिता साइरस पूनावाला ने कहा कि उनके मन में इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं है कि प्रधानमंत्री ने अगर स्वास्थ्य मंत्रालय का नेतृत्व न किया होता तो आज भारत टीकों की एक सौ करोड़ खुराक नहीं उपलब्ध करा पाता। एक वीडियो संदेश में जाइडस कैडिला के पंकज पटेल ने कहा कि देश के वैज्ञानिकों ने टीके विकसित किए, उसके लिए सबसे बड़े कारक प्रधानमंत्री थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने शुरू से हमें प्रोत्साहित किया है। भारत बायोटेक के कृष्णा इल्ला ने कहा कि 100 करोड़ टीकों की खुराक देने की उपलब्धि आसान नहीं थी लेकिन प्रधानमंत्री मोदी इसे करने को लेकर प्रतिबद्ध थे।
31 प्रतिशत को मिली दोनों डोज
गौर हो कि देश में टीकाकरण के पात्र वयस्कों में से 75 प्रतिशत से अधिक लोगों को कम से कम एक खुराक लग चुकी है, जबकि करीब 31 प्रतिशत लोगों को टीके की दोनों खुराक लग चुकी हैं। नौ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सभी पात्र लोगों को टीकों की पहली खुराक दी जा चुकी है। टीकाकरण मुहिम की शुरुआत 16 जनवरी को हुई थी और इसके पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों को टीके लगाए गए थे।