मुंबई, 13 अक्तूबर (एजेंसी)
देश में काेरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में धार्मिक स्थल खोलने की मांग को लेकर राजनीति गरमा गयी है। सरकार और राज्यपाल आमने-सामने आ गये हैं। वहीं, भाजपा कार्यकर्ता ने मुंबई में सिद्धिविनायक मंदिर के बाहर प्रदर्शन किया। ठाणे और औरंगाबाद में भी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किए गये।
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सोमवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में कहा था कि राज्य सरकार ने बार, रेस्टोरेंट और बीच खोलने की अनुमति दे दी है, लेकिन देव और देवियां अब भी लॉकडाउन में हैं। कोश्यारी ने पत्र में लिखा, ‘…आप हिंदुत्व की मजबूत आवाज रहे हैं। …क्या आपको दिव्य ज्ञान मिला है जिस कारण आप धार्मिक स्थलों को खोलने की सीमा बढ़ाते जा रहे हैं या क्या आप अचानक से ‘धर्मनिरपेक्ष’ हो गये हैं, वो शब्द जिससे आप नफरत करते थे।’
ठाकरे ने मंगलवार को जवाबी पत्र में कहा, मेरे हिंदुत्व को आपके सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। ठाकरे ने कहा, ‘क्या आपके हिंदुत्व का मतलब केवल धार्मिक स्थलों को पुन: खोलने से है और क्या उन्हें नहीं खोलने का मतलब धर्मनिरपेक्ष होना है। क्या धर्मनिरपेक्षता संविधान का अहम हिस्सा नहीं है, जिसके नाम पर आपने राज्यपाल बनते समय शपथ ली थी।’ उन्होंने कहा कि लोगों की भावनाओं और आस्थाओं को ध्यान में रखने के साथ-साथ, उनके जीवन की रक्षा करना भी अहम है। लॉकडाउन अचानक लागू करना और समाप्त करना सही नहीं है।
शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा कि शिवसेना का हिंदुत्व दृढ़ है और उसे इस पर किसी से पाठ पढ़ने की जरूरत नहीं है। वहीं, राकांपा प्रमुख शरद पवार ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि वह राज्यपाल के पत्र की ‘असंयमित भाषा’ से स्तब्ध हैं।
कोरोना की स्थिति पर मोदी ने जताई चिंता
नयी दिल्ली (एजेंसी) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र में कोरोना की स्थिति को लेकर चिंता जताई। प्रधानमंत्री पूर्व केंद्रीय मंत्री बालासाहेब विखे पाटिल की आत्मकथा के विमोचन के अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी मौजूद थे। मोदी ने कहा, कोरोना का खतरा अभी भी बना हुआ है। महाराष्ट्र में यह चिंता जरा ज्यादा है।