कोलकाता, 17 मई (एजेंसी)
नारदा स्टिंग मामले में सीबीआई द्वारा पश्चिम बंगाल के 2 वरिष्ठ मंत्रियों, एक विधायक एवं पार्टी के एक पूर्व नेता की गिरफ्तारी के विरोध में तृणमूल कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने सोमवार को शहर में और राज्य के अन्य स्थानों पर रैलियां निकालीं तथा लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन किया। बड़ी संख्या में तृणमूल कांग्रेस समर्थकों को यहां सीबीआई के दफ्तर तथा राजभवन के बाहर प्रदर्शन करते हुए देखा गया, जिन्हें हटाने के लिए पुलिस पहुंची। तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने राजभवन के बाहर राज्यपाल जगदीप धनखड़ के खिलाफ भी नारेबाजी की, जिन्होंने हाल ही में चारों नेताओं पर अभियोग चलाने की मंजूरी दी थी। सीबीआई का दफ्तर निजाम पैलेस में स्थित है। यहां पर तृणमूल कांग्रेस समर्थकों ने मुख्य द्वार के सामने लगाये गये अवरोधकों को तोड़ दिया और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारे लगाए। इसके अलावा हुगली जिले के आरामबाग और उत्तर 24 परगना के कमरहाटी समेत अन्य इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाये, सड़कों को अवरुद्ध किया और पार्टी नेताओं को तत्काल छोड़ने की मांग की।
तृणमूल कांग्रेस की युवा इकाई के अध्यक्ष और पार्टी सांसद अभिषेक बनर्जी ने प्रदर्शनकारियों से न्यायपालिका में भरोसा रखने की अपील की। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और डायमंड हार्बर से सांसद अभिषेक ने ट्वीट किया, ‘मैं सभी से कानून का पालन करने का आग्रह करता हूं और पश्चिम बंगाल तथा उसकी जनता के व्यापक हित में लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने वाली किसी भी गतिविधि से बचने की अपील करता हूं।’
पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘बंगाल में रोजाना आने-जाने वाले जिन मुसाफिरों को राज्य की जनता ने चुनाव में पूरी तरह नकार दिया, उन्होंने इस महामारी के संकट के बीच पिछले दरवाजे से घुसने की साजिश रची है।’ उन्होंने भी तृणमूल कार्यकर्ताओं से संयम बरतने का आग्रह किया। कुणाल घोष ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चले गये मुकुल रॉय और शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गयी है जबकि उनके नाम भी मामले में सामने आये थे। इन आरोपों को खारिज करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि रॉय और अधिकारी ने सीबीआई की जांच में सहयोग दिया जबकि हिरासत में लिये गये तृणमूल नेताओं ने ऐसा नहीं किया।