नयी दिल्ली, 11 फरवरी (एजेंसी)
माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने का दावा करने के बाद पिछले साल तेंजिंग नोर्गे पुरस्कार के लिए सिफारिश पाने वाले पर्वतारोही नरेंद्र सिंह यादव ने फर्जी दस्तावेज सौंपे थे और उन्हें यह सम्मान नहीं मिलेगा। खेल मंत्रालय के सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। मूल रूप से हरियाणा के जिला रेवाड़ी निवासी यादव और उनकी साथी पर्वतारोही सीमा रानी को बुधवार को नेपाल सरकार ने अपने देश में पर्वतारोहण करने से 6 साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया और 2016 में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ने के फर्जी दस्तावेज सौंपने के कारण उन्हें दिए एवरेस्ट फतह करने के प्रमाण पत्र को भी रद्द कर दिया गया। खेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘हमारी तरफ से नरेंद्र सिंह यादव का मुद्दा खत्म हो गया है।
मंत्रालय की ओर से शुरू की गई जांच में पता चला है कि उसने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने का फर्जी दावा किया था। उसने फर्जी तस्वीरें सौंपी।…इसलिए 2020 तेंजिंग नोर्गे पुरस्कार की सूची से उसका नाम हटा दिया गया है। उसे यह नहीं मिलेगा।’
यादव के नाम की सिफारिश शुरुआत में देश के शीर्ष साहसिक खेल पुरस्कार के लिए की गई थी लेकिन बाद में उनके फर्जी दस्तावेज सौंपने की आशंका से जुड़ी खबरें मीडिया में आने के बाद उनके नाम को रोक दिया गया था। जांच के लिए गठित समिति ने पाया कि यादव ने जो दस्तावेज सौंपे थे वे फर्जी थे। अधिकारी ने बताया कि जांच समिति में खेल मंत्रालय के अधिकारियों के अलावा दिल्ली के इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन के प्रतिनिधि भी थे, जो देश में इस खेल की सर्वोच्च संस्था है।